भारत में धार्मिक स्वतंत्रता है !

प्राध्यापक साल्वाटोर बबोन्स

कॅनबेरा (ऑस्ट्रेलिया) – ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्‍वविद्यालय के एक विवरण में प्राध्यापक साल्वाटोर बबोन्स ने कहा है कि भारत ‍विश्व का सबसे बडा लोकतांत्रिक देश है, जहां अनुमान से विश्व के पचास प्रतिशत लोग मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव द्वारा अपना मत व्यक्त करने में सक्षम हैं । भारत में धार्मिक स्वतंत्रता है, कहा जाता है कि बीबीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रसार माध्यम द्वारा हो रही भारत की अपकीर्ति (बदनामी) पर बबोन्स का यह वक्तव्य भारत के लिए सकारात्मक है ।

इस विवरण में कहा गया है कि

अ. ‘हिन्दू’ एवं ‘भारत’ (‘इंडिया’) ये शब्द मूल संस्कृत भाषा से लिए गए हैं ।

आ. ६ दिसंबर २०२२ को ब्रिटेन के बर्मिंगहैम में ४५ वर्षीय महिला को शांतिपूर्वक प्रार्थना करने पर बंदी बनाया गया था; परंतु भारत में विविध धर्म के लोग सार्वजनिक स्थानों में भगवान की पूजा कर सकते हैं, वह भी बारबार ऐसा करते हुए दिखाई देते हैं । यदि किसी देश पर धर्म के प्रति सामाजिक शत्रुता बढाने का आरोप लगाया जा सकता है, तो वह नास्तिक ब्रिटेन है ।

इ. ‘आदरणीय’ प्यू अनुसंधान केंद्र द्वारा भारत को धार्मिक वैमनस्य के लिए ‘विश्व में सबसे बुरा (खराब) देश’ के रूप में स्थान दिया गया है । प्यू अनुसंधान केंद्र कुछ विशिष्ट उद्देश्य से भारतीय संस्थाओं पर आक्रमण कर रहा है ।

ई. बडी संख्या में भारतीयों का कहना है कि वे अपने धर्म का पालन कर सकते हैं; परंतु प्यू अनुसंधान केंद्र का दावा है कि हिन्दू बहुसंख्यक देश के कुछ मुसलमानों में भेदभाव के परिवाद है । भारत को लक्ष्य बनाने में ‘युएस स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनैशनल रिलिजियस फ्रीडम’, ‘युएस सरकार प्रायोजित युनाइटेड स्टेट्स कमिशन ऑन इंटरनैशनल रिलिजन फ्रीडम’ एवं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय समाहित हैं ।