(और इनकी सुनिए…) कश्‍मीर से आतंकवाद नष्‍ट होने की बात भले ही केंद्र सरकार कह रही हो, तो शर्मा को किसने मारा ? – मेहबूबा मुफ्‍ती

हिन्‍दुओं की हत्‍या करने के उपरांत मेहबूबा मुफ्‍ती ने बहाए मगरमच्‍छ के आंसू !

श्रीनगर (जम्‍मू-कश्‍मीर) : पीपल्‍स डेमोक्रैटटिक पार्टी की (पीडीपी) की अध्‍यक्षा मेहबूबा मुफ्‍ती ने कश्‍मीर में कश्‍मीरी हिन्‍दू संजय शर्मा की आतंकियों ने हत्‍या करने के उपरांत दुख व्‍यक्‍त करते हुए ‘शर्मा की हत्‍या के विषय में कश्‍मीरी मुसलमान लज्‍जित है’, ऐसा कहते हुए केंद्र सरकार तो कश्‍मीर में आतंकवाद समाप्‍त होने का दावा कर रही है । यदि ऐसा है, तो शर्मा को किसने मारा ? सरकार क्‍या कर रही है ?’, ये प्रश्‍न उठाए, साथ ही उन्‍होंने सरकार से शर्मा की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की ।

मेहबूबा मुफ्‍ती ने आगे कहा कि हम वो लोग हैं, जिन्‍होंने वर्ष १९४७ में कश्‍मीर में रहनेवाले हिन्‍दुओं तथा सिक्‍खों की रक्षा के लिए सबकुछ किया था । उस समय भारत में सांप्रदायिक दंगे चल रहे थे । आज कश्‍मीरी मुसलमान असहाय हैं । उनके साथ धोखाधडी हुई है । एक ओर सरकार का बलप्रयोग, तो दूसरी ओर आतंकवाद मिटाने के नाम पर सहस्रों युवकों को कारागार में बंद किया गया है । लोगों के घरों में ताले ठोंके जा रहे हैं तथा छापामारी की जा रही है ।

(जिहादी आतंकी को मार गिराने के उपरांत उसकी अंतेष्‍टि में जानेवाले सहस्रों लोगों के विषय में मेहबूबा मुफ्‍ती क्‍यों नहीं बोलतीं ? सेना की ओर से मुठभेड होते समय आतंकियों के समर्थन में सैनिकों पर पत्‍थरबाजी करनेवालों के विषय में वे क्‍यों नहीं बोलतीं ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका

सरकार को इसका उत्तर देना ही पडेगा; किंतु इस समस्‍या के नाम पर कश्‍मीरी हिन्‍दुओं की चिंता होने का ढोंग करनेवाली मेहबूबा मुफ्‍ती के कार्यकाल में उन्‍होंने क्‍या किया ?, यह भी उन्‍हें बताना पडेगा ! सेना पर पत्‍थरबाजी करनेवाले सहस्रों लोगों पर पंजीकृत अपराध उन्‍होंने वापस क्‍यों लिए, यह भी उन्‍हें बताना पडेगा !