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अमृतसर (पंजाब) – खालिस्तान की मांग दुख दूर करने के लिए की जा रही है । वह हमारे अस्तित्व के लिए है । खालिस्तान की भावना शाश्वत रहनेवाली है, जिसे आप दबा नहीं सकते । ‘वारिस पंजाब दे’ (पंजाब का उत्तराधिकारी) संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने ‘इंडिया टुडे’ नियतकालिक से की गई भेंटवार्ता में यह वक्तव्य दिया । उसने यह भी स्पष्ट किया कि हम कभी भी हिंसा का मार्ग नहीं अपनाएंगे । हिंसा हमें बहुत हानि पहुंचाएगी, यह मुझे ज्ञात है । मैं किसी भ्रम में नहीं हूं; परंतु मैं किसी को मारने भी नहीं दूंगा ।
Khalistan sympathiser #AmritpalSingh, who is trying to rebrand himself as Jarnail Singh Bhindranwale 2.0, has reiterated that #Khalistan will remain and one cannot suppress it. (By @kamaljitsandhu)https://t.co/drTLS2VoXO
— IndiaToday (@IndiaToday) February 24, 2023
भेंटवार्ता में अमृतपाल ने रखे सूत्र
१. मैं स्वयं को खालिस्तान का प्रचारक नहीं मानता । राष्ट्रवाद किसी भी प्रकार से पवित्र विषय नहीं है । लोकतंत्र में विभिन्न विचार होने चाहिएं । यह अमृतपाल का विषय नहीं है ।
२. मैं हिंसक नहीं हूं । मैं मेरी अस्मिता का बलिदान नहीं दूंगा । मेरे संदर्भ में दुष्प्रचार हो रहा है । कोई मुझे भाजपा का समर्थक मानता है, तो कोई पाकिस्तान का ! मैं केवल मेरे गुरु ग्रंथसाहिब का समर्थक हूं ।
३. मेरे संगठन को छोडकर कोई मेरा साथ नहीं देता । मैं किसी भी प्रकार की मीडिया ट्रायल’ का (माध्यमों के द्वारा न्यायाधीश की भूमिका में रहकर किए गए वार्तांकन का) भाग हूं ।
४. १९८० के दशक के खालिस्तानवादी जर्नेल भिंद्रावाले के साथ की जा रही तुलना के संदर्भ में अमृतपाल ने कहा कि मैं सामान्य वेशभूषा करता हूं, जो भिंद्रावाले की वेशभूषा पर आधारित नहीं है ।
संपादकीय भूमिका
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