४ पत्नी होना, अनैसर्गिक !

केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरीजी द्वारा समान नागरिकता कानून का समर्थन !

केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी (बाईं ओर) असदुद्दीन ओवैसी (दाईं ओर)

भाग्यनगर (तेलंगाना) – केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरीजी ने समान नागरिकता कानून का समर्थन करते हुए कहा है कि क्या आप ऐसा कोई इस्लामी देश जानते हो, जहां २ नागरिकता कानून हों ? एक पुरुष एक महिला से विवाह करे, तो वह नैसर्गिक है; परंतु एक पुरुष ४ महिलाओं से विवाह करे, तो वह अनैसर्गिक है । मुसलमान समाज के आधुनिकतावादी एवं सुशिक्षित लोग ४ विवाह नहीं करते । समान नागरिकता कानून किसी धर्म के विरुद्ध नहीं है । यह कानून देश की प्रगति के लिए है । उनको ‘आज तक’ हिन्दी वृत्तवाहिनी के कार्यक्रम में प्रश्न पूछा गया था, ‘केंद्र सरकार समान नागरिकता कानून पूरे देश में लागू करने के लिए कानून क्यों नहीं लाती ?’ इस प्रश्‍न का उत्तर देते हुए उन्होंने उपरोक्त बातें कहीं । ‘वर्तमान में इस विषय पर जोरों से चर्चा हो रही है, तथापि यदि राज्य सरकारें सहयोग करें, तो पूरे देशवासियों को इस कानून का लाभ हो सकता है’, गडकरीजी ने ऐसा भी कहा है । उनके इस वक्तव्य की एम.आइ.एम. के अध्यक्ष एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आलोचना की है ।

(कहते हैं) शबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिलाकर देखें ! – असदुद्दीन ओवैसी का गडकरीजी को आवाहन

असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा है कि महिलाओं को शबरीमला मंदिर में प्रवेश दिलवाने के लिए मैं नितीन गडकरी को आवाहन करता हूं । क्या आपकी संस्कृति, तो फिर हमारी संस्कृति नहीं है ? उन्होंने आगे कहा कि मुसलमान पत्नियां वैध होती हैं । उनको देखभाल व्यय एवं संपत्ति में भाग (हिस्सा) भी मिलता है । (यदि ऐसा है, तो शाहाबानु को भत्ता (गुजारा) देने का विरोध क्यों किया गया ? तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर दबाव डालकर संसद में कानून-परिवर्तित कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन क्यों न किया ? क्या इसका कोई उत्तर है ओवैसी के पास ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका

ओवैसी को चाहिए कि प्रथम मुसलमान महिलाओं को मस्जिद में प्रवेश दिलाकर दिखाएं, अपने पंथ के बुरका, हिजाब और निकाह हलाल आदि प्रथाएं हटाकर दिखाएं, पश्चात कुछ कहें !