इंदौर (मध्य प्रदेश) यहां के शासकीय विधि महाविद्यालय की घटना !
इंदौर (मध्य प्रदेश) – यहां के शासकीय महाविद्यालय के ६ प्राध्यापकों को ५ दिनों के लिए निलंबित किया गया है । इन प्राध्यापकों द्वारा कट्टरवादी विचारधारा, ‘लव जिहाद’ और मांसाहार को प्रोत्साहन दिए जाने का आरोप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से किया गया था । निलंबित किए गए प्राध्यापकों के नाम क्रमश: मिर्जा मोजीज बेग, फिरोज अहमद मीर, सुहेल अहमद वाणी, पूर्णिमा बेसे, मिलिंद कुमार गौतम और अमेक खोखर हैं ।
#Indore: Six college professors suspended, accused of promoting ‘non-vegetarianism’, ‘negative thoughts’.https://t.co/8z7jlMlVD7
— TIMES NOW (@TimesNow) December 2, 2022
१. ‘महाविद्यालय के प्राध्यापक और प्राचार्य द्वारा शुक्रवार के दिन नमाज पढने बाहर जाने के कारण शुक्रवार को महाविद्यालय में पढाया नहीं जाता है’, ऐसा आरोप भी अभाविप की ओर से किया गया था ।
२. महाविद्यालय के प्राचार्य रहमान ने अभाविप के सभी आरोपों को नकार दिया है । उन्होंने कहा कि अभाविप ने जो आरोप लगाए हैं, वे सरासर गलत हैं । महाविद्यालय में इस प्रकार का कोई भी वातावरण नहीं है; लेकिन अभाविप की ओर से किए गए आरोप गंभीर होने से इस प्रकरण की जांच करने का निर्णय हमने लिया है । जिला सत्र न्यायालय के निवृत न्यायाधीश द्वारा इस प्रकरण की जांच करवाई जाएगी ।
महाविद्यालय के ग्रंथालय में हिन्दू आतंकवादी होने के आशय की पुस्तक उपलब्ध !इस समय अभाविप ने महाविद्यालय के ग्रंथालय में रखे गए डॉ. फरहत खान लिखित ‘सामूहिक हिंसा एसं दाण्डिक न्याय पद्धति’ यह हिन्दी पुस्तक प्रस्तुत की । इसमें हिन्दुओं को आतंकवादी बताया गया है । इस विषय में राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ‘इस पुस्तक की जांच की जाएगी’, ऐसा कहते हुए निलंबित प्राध्यापकों की जांच कर २४ घंटे में उनके विरुद्घ अपराध प्रविष्ट करने का आदेश दिया । |
संपादकीय भूमिकाऐसों को निलंबित नहीं, तो निष्कासित करना ही आवश्यक है ! इसके विरोध में शिकायत करने के उपरांत यह कार्यवाही की गई, प्रत्यक्ष में महाविद्यालय ने ही उनकी ओर ध्यान देकर कार्यवाही करना आवश्यक था ! |