राजनांदगांव (छत्तीसगढ) में बौद्ध लोगों के कार्यक्रम में हिन्दुओं के देवी-देवताओं की पूजा न करने की शपथ दी गई !

राजनांदगांव की कांग्रेस की महापौर हेमा देशमुख की उपस्थिति

राजनांदगांव (छत्तीसगड) – में ७ नवंबर को आयोजित राजस्तरीय बौद्ध सम्मेलन का एक वीडियो सामाजिक माध्यम से प्रसारित हुआ है । इसमें ऐसा दिखाई दे रहा है कि उपस्थित लोगों को ‘मैं गौरी, गणपति आदि हिन्दुओं के देवी-देवताओं में किसी को भी नहीं मानूंगा तथा कभी उनकी पूजा नहीं करूंगा, ईश्वर ने अवतार लिया है’, इस पर कभी विश्वास नहीं रखूंगा’, ऐसी शपथ दी जा रही है । शपथ लेनेवालों में कांग्रेस की महापौर हेमा देशमुख भी उपस्थित थीं । कुछ दिनों पूर्व देहली के आम आदमी पार्टी के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भी बौद्धों के कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को इसी प्रकार की शपथ दी थी ।

सनातन विरोधी कार्यक्रम हो एवं उसका संबंध कांग्रेस से न हो, क्या ऐसा कभी हो सकता है  ? – भाजपा

भाजपा की नेता तथा केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने यह वीडियो ट्विट कर कहा है, ‘छत्तीसगढ में कांग्रेस के राज्य में हिन्दुओं के प्रति किया जानेवाला विरोध चरम सीमा पर पहुंच गया है । हिन्दुओं की श्रद्धाओं पर प्रत्यक्ष रूप से प्रहार किया जा रहा है तथा कांग्रेस की महापौर हिन्दू धर्म के विरुद्ध शपथ ले रही हैं । सनातन विरोधी कार्यक्रम हो तथा उसका संबंध कांग्रेस से नहीं हो, क्या ऐसा कभी हो सकता है ?’

संपादकीय भूमिका

  • कांग्रेस के राज्य में कांग्रेस के महापौर की उपस्थिति में ऐसी शपथ लेने पर आश्चर्य प्रतीत होने की आवश्यकता नहीं !
  • कांग्रेस अर्थात ‘हिन्दूद्वेषी पक्ष’ की अबतक की ऐसी ही प्रतिमा एवं गतिविधि है ! इसी लिए हिन्दू उसे राजनीतिक पटल से नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं, यह अभी भी उसे ध्यान में नहीं आता, इसको ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’, ही कहना पडेगा !