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काठमांडू (नेपाल) – नेपाल में आम चुनाव में सर्व राजनीतिक पक्षों द्वारा प्रचार चल रहा है । इसमें नेपाल को पुन: ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने की तथा देश में पुन: एक बार राजशाही लाने की मांग बल पकड रही है । राष्ट्रीय प्रजातंत्र पक्ष ने जनता को सीधा आश्वासन देते हुए कहा है कि नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाया जाएगा । इसके साथ साम्यवादी नेता के.पी. शर्मा ओली ने भी संकेत दिए हैं कि वे ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने हेतु समर्थन दे सकते हैं । राष्ट्रीय प्रजातंत्र पक्ष तथा शर्मा ओली के पक्ष सी.पी.एन. -यू.एम.एल. एकत्रित चुनाव लड रहे हैं । नेपाल में ८१.३ प्रतिशत हिन्दू हैं । वर्ष २००७ तक नेपाल ‘हिन्दू राष्ट्र’ था । उसके उपरांत सत्ता में आने पर माओवादियों ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किया ।
१. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पक्ष के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगडेन ने कहा कि उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि राजशाही को देश का संरक्षक बनाया जाए । नेपाल को सनातन धर्म एवं अन्य धर्माें के लिए स्वतंत्रता के आधार पर ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाया जाए तथा प्रधानमंत्री का चयन सीधे चुनाव द्वारा किया जाए ।
२. नेपाल में गत कुछ वर्षों से साम्यवादियों की सरकार है तथा वह लोगों की अपेक्षाओं को पूर्ण करने में असफल सिद्ध हुई है । इसीलिए अब वहां के राजनीतिक पक्ष ‘हिन्दू राष्ट्र’ की मांग करने लगे हैं । नेपाल के पर्यटन तथा संस्कृति मंत्री प्रेम अले ने इससे पूर्व ही नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने की मांग का समर्थन किया है ।
३. पिछले वर्ष अगस्त माह में नेपाल सेना के भूतपूर्व सेना प्रमुख जनरल रुकमांगुड कटवाल ने नेपाल को पुन: ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र स्वाभिमान जागरण अभियान’ नाम से एक अभियान आरंभ किया था । इसमें उन्होंने कहा था कि यह अभियान धर्म के आधार पर परिचय एवं संस्कृति को प्रोत्साहन देगी । मेरा लक्ष्य ‘हिन्दू पहचान’ पुन:स्थापित करने का है, इसमें कट्टरता नहीं है ।
४. नेपाल के २० हिन्दू धार्मिक संगठनों द्वारा नेपाल को पुन: ‘हिन्दू राष्ट्र्र’ घोषित करने हेतु एक संयुक्त मोरचा स्थापित किया गया है ।
संपादकीय भूमिकाधर्मनिरपेक्ष नेपाल में यदि चुनाव द्वारा पुन: ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने की मांग होती है, तो भारत को भी ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने हेतु अब राजनीतिक पक्षों को पहल करना आवश्यक है, हिन्दुओं को ऐसा ही प्रतीत होता है ! |