मोहम्मद जुबेर पर दो धर्मों में आपसी घृणा और वैमनस्य निर्माण करने का आरोप है !
ओस्लो (नार्वे) – यहां शांति के लिए नोबल पुरस्कारों की घोषणा होने वाली है । ‘रायटर्स’ इस वृत्तसंस्था के सर्वेक्षणानुसार शांति के नोबल पुरस्कारों के लिए आने वाले नामों में भारत का वृत्तसंकेतस्थल ‘अल्ट न्यूज’ के संस्थापक प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबेर के नाम सम्मिलित हैं । उसी प्रकार विश्व स्वास्थ्य संगठन, म्यानमार की राष्ट्रीय एकता सरकार, बेलारुस के विरोधी पार्टी नेता सिवतलाना के नाम भी आगे हैं । इसके पूर्व भारत की मदर टेरेसा और कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबल पुरस्कार मिल चुका है ।
Co-founders of fact checking website AltNews Pratik Sinha and Mohammed Zubair and Indian author Harsh Mander are among the favourites to win this year’s Nobel Peace Prize, here’s what Time magazine says about them⤵️https://t.co/Gyr1MB3QUf
— editorji (@editorji) October 6, 2022
१. मोहम्मद जुबेर को कुछ सप्ताह पूर्व नूपुर शर्मा का मोहम्मद पैगंबर के विषय में कथित अपमानकारक विधान वाला एक चर्चासत्र का वीडियो सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित करने के कारण बंदी बनाया गया था । इसके उपरांत उन्हें जमानत पर छोडा गया है ।
२. अमेरिका के ‘टाइम’ नियतकालिक ने कहा है कि, प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबेर भारत के झूठे समाचारों के पीछे का तथ्य ढूंढकर सत्य सामने लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं । सिन्हा और जुबेर सामाजिक माध्यमों पर नियोजनबद्ध ढंग से फैलाए जा रहे झूठे समाचारों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं । (अमेरिकी समाचारपत्र का हिन्दूद्वेष ! – संपादक)
संपादकीय भूमिकाक्या यह शांति पुरस्कार सामाजिक शांति बिगाडने के लिए दिया जाता है, ऐसा प्रश्न सामने आता है ! |