एन.आइ.ए. द्वारा आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में की गई छापेमारी में पी.एफ.आइ. के आतंकवादियों को बंदी बनाया गया !

भाग्यनगर (तेलंगाना) – राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र, अर्थात एन.आइ.ए. द्वारा १८ सितंबर को आंध्रप्रदेश, तथा तेलंगाना राज्यों में भिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई । इस कार्रवाई में तंत्र के अधिकारियों ने ‘हिंसा भडकाना, अवैध कृत्य करना, तथा आतंकवादी कृत्याें से संबंधित अपराधों की जांच के लिए ‘पाप्युलर फ्रंट आफ इंडिया’ (पी.एफ.आइ.) जिहादी आतंकवादी संगठन के पदाधिकारियों को बंदी बनाया है ।

१. प्राप्त जानकारी के अनुसार एन.आइ.ए. के कुल २३ दलों द्वारा आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना राज्यों के कुछ जिलों में छापेमारी की गई है ।

२. आंध्रप्रदेश में कर्नूल, गुंटूर, नेल्लोर एवं नंदयाल, जबकि तेलंगाना के इंदौर (निजामाबाद) जिलों में कार्रवाई की गई है ।

३. इससे पूर्व पी.एफ.आइ. के जिला संयोजक शादुल्लाह एवं सदस्य मुहम्मद इमरान, मुहम्मद अब्दुल मोबीन को पूछताछ के लिए नियंत्रण में लिया गया था ।

  •  एन.आइ.ए. द्वारा छापेमारी के समय स्थानीय लोगों का विरोध !
  • जिहादी पी.एफ.आइ. के समर्थकों की छानबीन करके उन पर भी कार्रवाई करना आवश्यक !
  • नंदयाल एवं कर्नूल क्षेत्र में एन.आइ.ए. जब कार्रवाई कर रही थी तब स्थानीय लोगों ने विरोध किया । कार्रवाई के विरुद्ध घोषणाएं भी की गईं ।

संपादकीय भूमिका

जिहादी आतंकवादी संगठन ‘पी.एफ.आइ.’ भारत अनेक विरोधी कार्रवाहियों में व्यस्त है । वर्ष २०४७ में ‘पी.एफ.आइ.’ भारत को इस्लामी राष्ट्र के रूप में घोषित करना चाहती है । इसलिए अब केवल कार्रवाई करने तक सीमित न रहें, अपितु पी.एफ.आइ को स्थायीरूप से प्रतिबंधित ही करनी चाहिए ! प्रतिबंधित ‘सिमी’ के समान उसकी गुप्त गतिविधियां चालू न रहें, इसके लिए भी उपाययोजना करनी आवश्यक है !