ब्रिटेन में ‘स्मार्टफोन’ का प्रयोग करने वाले ६५ प्रतिशत बच्चे १९ वें वर्ष में होते हैं निराशाग्रस्त !

‘स्मार्टफोन’ और सामाजिक माध्यमों का प्रयोग करने वाले बच्चे होते हैं अल्प समाधानी !

प्रतीकात्मक छायाचित्र

लंदन – विश्वभर में ‘स्मार्टफोन’ का उपयोग बढने के साथ इनमें ९ से १९ वर्ष आयु के बच्चे इसका सर्वाधिक प्रयोग करते हैं ऐसा सामने आया है । युनाइटेड किंगडम के ‘ऑफकॉम’ के ब्यौरे के अनुसार, ब्रिटेन के ९१ प्रतिशत बच्चों के पास आयु के ११ वें वर्ष में ही स्वयं का ‘स्मार्टफोन’ होता है । जब यह बच्चे १९ वर्ष के होते हैं, तब तक उनमें से ६५ प्रतिशत बच्चे निराशा में चले जाते हैं ।

१. इस ब्यौरे के अनुसार १९ युरोपीय देशों में १३ वर्ष से नीचे के ८० प्रतिशत बच्चे प्रतिदिन इंटरनेट का प्रयोग करते हैं । आयु के १९ वें वर्ष में ९० प्रतिशत वयस्क बच्चों के पास स्वयं का स्मार्टफोन होता है ।

२. बेंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रा. एमी ऑर्बन बताते हैं कि ८ वर्ष आयु तक के बच्चे भी सामाजिक माध्यमों पर स्वयं के खाते खोलते हैं । उनका ऑनलाइन दुरुपयोग होने की सम्भावना अधिक होती है ।

३. ऑर्बन के मतानुसार, ‘स्मार्टफोन और सामाजिक माध्यमों के प्रयोग में सामंजस्य रखना महत्वपूर्ण है । १ सहस्र ७०० बच्चों पर किए शोध से उन्हें ऐसा ध्यान में आया कि ११ से १३ वर्ष की लडकियां और १४ से १५ वर्ष के लडके जो सामाजिक माध्यमों का प्रयोग आरंभ करते हैं, वे आगे के जीवन मेंं अल्प समाधानी होते हैं । दूसरी ओर जिन्होंने सामाजिक माध्यमों का प्रयोग नहीं किया, वे अधिक समाधानी दिखाई देते हैं ।

स्मार्टफोन आवश्यक अवश्य है लेकिन अभिभावकों का नियंत्रण होना चाहिए ! – प्रा. सोनिया लिविंगस्टोन

‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स’ की प्रा. सोनिया लिविंगस्टोन बताती हैं कि, इस समय अपने बच्चों के लिए इंटरनेट और स्मार्टफोन आवश्यक है । जिससे बच्चे  समाज से जुडते हैं, उन्हें अनेक प्रश्नों के उत्तर ज्ञात होते हैं; लेकिन इस पर अभिभावकों का नियंत्रण होना महत्वपूर्ण है ।

संपादकीय भूमिका

वैज्ञानिक उपकरणों का अत्यधिक प्रयोग करने का ही दुष्परिणाम ! – अध्यात्मविहीन विज्ञान का अनुसरण यही इन सभी समस्याओं का कारण है, यह ध्यान में लें !