चंदीगड – पाकिस्तान की ‘आइ.एस.आइ.’ गुप्तचर संस्था की सहायता से ‘सिक्ख फॉर जस्टिस’ का आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू खलिस्तानी अलगाववाद पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है । वह सिक्ख युवकों को खलिस्तानी ध्वज फहराने हेतु भडका रहा था; परंतु पंजाब के लोगों ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पंजाब में स्थित पन्नू के अमृतसर के घर पर तिरंगा ध्वज फहराया ।
पन्नू की देशविरोधी कार्यवाहियाें के कारण भारत सरकार द्वारा २०१९ में उसके ‘सिक्ख फॉर जस्टिस’ संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया । भारत के लिए आवश्यक आतंकवादियाें की सूची में पन्नू का नाम समावेश है । कुछ दिन पूर्व पन्नू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को धमकी देनेवाला वीडियो प्रसारित किया था तथा उसने खलिस्तानी ध्वज फहरानेवालाें को पारितोषिक भी घोषित किया था । गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस से पूर्व प्रसारित एक विडियो में पन्नू द्वारा ‘हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को १५ अगस्त को तिरंगा फहराने नहीं देंगे’, ऐसी धमकी दी गई थी । इस वीडियो के संदेश में कहा गया था कि पंजाब के उपरांत वह हिमाचल प्रदेश भी नियंत्रण में लेनेवाला है; क्योंकि हिमाचल का कुछ भाग पूर्व में पंजाब का भाग था । इस प्रकरण में उसके विरुद्ध देशद्रोह का अपराध भी प्रविष्ट किया गया था ।
खालिस्तानी झंडा के लिए उकसाने वाले आतंकी पन्नू के घर पर पंजाब के लोगों ने फहराया तिरंगा, पाकिस्तान के ISI के सहयोग से अलगाववाद को दे रहा हवाhttps://t.co/8qR9s5Asnt
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) August 11, 2022
मई २०२२ में पन्नू ने कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक के दंड के विरुद्ध भडकीला वक्तव्य दिया था । यासीन मलिक का ‘प्रतिष्ठित नेता’ ऐसा उल्लेख कर उसने मुसलमानों से उसके दंड के निषेधार्थ अमरनाथ यात्रा रोकने का आवाहन किया था ।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू ?
पंजाब में स्थित अमृतसर के खानकोट गांव में गुरपतवंत सिंह पन्नू का पैतृक घर है । पन्नू का जन्म इसी गांव में हुआ था । पश्चात वह विदेश चला गया । पन्नू के पिता महिंदर सिंह विभाजन के समय पाकिस्तान से खानकोट आए थे । पन्नू अपने अपने भाई मंगवंत सिंह के साथ विदेश में बस गया । तद्नंतर वह अमेरिका गया । वहां उसने ‘सिक्ख फॉर जस्टिस’ नामक अलगाववादी खलिस्तानवादी संगठन स्थापित किया । इस माध्यम से उसने भारत के युवाओं को खलिस्तान के लिए भडकाने का काम आरंभ किया ।
संपादकीय भूमिकायदि आतंकवादियाें के विरुद्ध राष्ट्रप्रेमी नागरिकों द्वारा ऐसी ही एकता दर्शाई गई, तो किसी को भी भारत की अखंडता को चुनौती देने का साहस नहीं होगा ! |