ब्रिटेन में मुसलमानों ने की पैगंबर की पुत्री फातिमा के फिल्म पर प्रतिबंध की मांग

ब्रिटिश सरकार द्वारा अस्वीकृति


लंडन (ब्रिटेन) – ‘द लेडी ऑफ हेवन‘ की ब्रिटिश रिलीज को लेकर विवाद छिड गया है। चलचित्र पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाते हुए मुसलमानों द्वारा इसे प्रतिबंधित करने की मांग की जा रहा है; परंतु सरकार ने प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है । प्रदर्शनकारियों में ब्रिटिश सरकार के परामर्शदाता और लीड्स में मक्का मस्जिद के प्रमुख इमाम कारी मोहम्मद आसिम सम्मिलित हैं। उनके विरोध के उपरांत उन्हें उनके परामर्शदाता पद से हटा दिया गया है ।

१. चलचित्र में पैगंबर की पुत्री फातिमा की कहानी दिखाई गई है। विरोधी मुसलमानों का कहना है कि पैगंबर या उनके परिवार में किसी के बारे में चलचित्र बनाने से हमारी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. हम इसे नहीं सह सकते ।

२. चलचित्र के निर्माता और निर्देशक मलिक शिबाक को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिल रही है; उन्होंने कहा, ‘मैं इस तरह की धमकियों से नहीं डरूंगा। चलचित्र के अन्य निर्माता मौलवी (इस्लामी धार्मिक नेता) यासर अल-हबीब हैं । वे शिया मुसलमान हैं ।

३. निर्देशक मलिक शिबाक ने एक समाचार वाहिनी को बताया कि यह चलचित्र फातिमा के जीवन और उनके संघर्ष के बारे में है । मुझे लगता है कि फातिमा हमारे इतिहास की सबसे अच्छी इंसान हैं । हम उनसे सीख सकते हैं कि कैसे कट्टरवादी, भ्रष्टाचारी आदि से लडना है। इसलिए हमें लगा कि उनकी कहानी को सामने लाना आवश्यक है ।

यदि भारत में ऐसी मांग की जाती, तो कुछ राज्यों में मुस्लिम समर्थक सरकारों ने इस पर ध्यान दिया होता और ऐसे चलचित्रों पर प्रतिबंध लगा दिया होता । ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकारें ब्रिटेन से सीख सकती हैं !