मस्जिदों पर भोंपू लगाकर अजान देना, मूलभूत अधिकार नहीं ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) – मस्जिदों पर भोंपू लगाकर अजान देना, यह मूलभूत अधिकार नहीं है । यह कहते हुए कि ‘‘इस संदर्भ में हमने पूर्व ही आदेश दिया है’’, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस संदर्भ में प्रविष्ट की गई याचिका अस्वीकार की है ।

१. उत्तरप्रदेश, बदायुं के इरफान ने याचिका प्रविष्ट की थी । इसमें उन्होंने अपने गांव में मस्जिद की अजान भोंपू द्वारा सुनाने की अनुमति देने की मांग की थी । तब न्यायालय ने कहा, ‘कोई भी धर्म पूजा करने के लिए भोंपू का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता’ ।

२. वर्ष २०२० में सांसद अफजल अन्सारी की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि ‘‘ भोंपू पर अजान देने को प्रतिबंधित किया है, यह उचित है, कारण यह इस्लाम के अंतर्गत नहीं आता । भोंपू का शोध लगने से पहले व्यक्ति द्वारा ही अजान दी जाती थी । अब भी व्यक्ति द्वारा अजान दी जा सकती है’’ ।

संपादकीय भूमिका

सर्वाेच्च एवं उच्च न्यायालयों के और कितनी बार ऐसा आदेश देने के पश्चात उस के अनुसार मुसलमान कृति करेंगे और पुलिस उनको यह करने के लिए बाध्य करेगी ?