अलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा अंजुमन इंतजामिया कमिटी की ‘न्यायालय आयुक्त’ की नियुक्ती के विरोध में की याचिका खारिज की गई।

काशी विश्वनाथ मंदीर – ज्ञानवापी मस्जिद विवाद

वाराणसी – उत्तरप्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदीर एवं ज्ञानवापी मस्जिद विवाद प्रकरण में अंजुमन इंतजामिया कमिटी द्वारा प्रविष्ट की गई याचिका अलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी। इस याचिका में न्यायालय आयुक्त के नियुक्ती का विरोध किया गया था। ‘ सबूत इकठ्ठा करने हेतु आयुक्त को घटनास्थल भेजने से याचिकाकर्ता के अधिकारों का उल्लंघन नही होता। न्यायालयीन आयोग भेजना न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के बाहर नही’, ऐसा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ती जे.जे.मुनीर ने कहा है। इससे पूर्व न्यायालय ने न्यायालय आयुक्त की नियुक्ती कर ज्ञानवापी मस्जिद तथा काशी विश्वनाथ मंदीर मा अवलोकन कर उस का चित्रिकरण करने का आदेश दिया है। इस का कमिटी ने विरोध किया था।

१. इस प्रकरण में वरिष्ठ विभाग के (दिवाणी) न्यायमूर्ती की ओर से न्यायालयीन आयुक्त भेजने के निर्णय को याचिका द्वारा अलाहाबाद उच्च न्यायालय में आवाहन दिया गया था। राखी सिंह के साथ अन्य ८ लोगों ने वाराणसी (दिवाणी) न्यायालय में शृंगारगौरी, हनुमान, नंदी, गणेशजी की पूजा करने के अधिकारों के संदर्भ में अभियोग प्रविष्ट किया है।

२.  न्यायालय द्वारा अंतरिम निर्देश देने से मना किया गया तथा विरोधकों को (समन्स) भेजकर उनसे उत्तर की मांग की। दूसरी ओर हिंदू पक्ष द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर दर्शन पूजा में सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की बिनती की। हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने ‘अधिवक्ता आयुक्त’ भेजने की मांग की। उस पर न्यायालय ने अजय कुमार की ‘अधिवक्ता आयुक्त’ के पदपर नियुक्ती की तथा उन्हें ब्यौरा सिद्ध कर भेजने के निर्देश दिए।