मुजफ्फरपुर (बिहार) – होली, दुष्टप्रवृत्तियों एवं अमंगल विचारों का नाश कर, सत्य का मार्ग दिखानेवाला उत्सव है ! दुर्भाग्य से आजकल इस उत्सव को विकृत रूप प्राप्त हो गया है । इस दिन मुख पर कालिख पोतना, मद्य पीकर हुडदंग मचाना, कूडे की होली जलाना जैसे अनेक अधार्मिक और फूहड कार्य होते दिखाई देते हैं । ‘कूडे की होली जलाएं’ ऐसा एक अधार्मिक तथा धार्मिक श्रद्धा पर चोट करनेवाला नास्तिकवादी उपक्रम किया जाता है । साथ ही अनेक स्थानों पर मादक पदार्थाें का सेवन तथा युवा पीढी को बिगाडनेवाली ‘रेव पार्टियों’ का आयोजन भी होने लगा है । महिलाओं को छेडने की घटनाएं भी बढ रही हैं । सामाजिक तनाव, महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक उत्सवों की पवित्रता की दृष्टि से यह घटना गंभीर है । इसे रोकने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति ने बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर तथा हाजीपुर में माननीय जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया ।
ज्ञापन के माध्यम से की गई मांगें
- सार्वजनिक स्थानों पर रंग खेलने पर रोक लगाई जाए, मार्ग पर तथा स्त्रियों पर रंग तथा दूषित जल से भरे गुब्बारे फेंकना प्रतिबंधित किया जाए, सार्वजनिक स्थानों पर मद्यपान-धूम्रपान करना और मद्य की पार्टियों पर प्रतिबंध लगाया जाए ।
- इन उपर्युक्त कार्याें में लिप्त लोगों और दुकानों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए ।
- साथ ही इन अनाचारों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा सूचना भेजी जाए, विभिन्न स्थानों पर पुलिस की टुकडियां लगाई जाएं, दुराचारी युवकों को पकडकर उनपर वैधानिक कार्यवाही की जाए, जनता में प्रबोधनात्मक हस्तपत्र बांटे जाएं, भित्तिपत्र (पोस्टर्स) लगाए जाएं और सामाजिक संस्थाओं की सहायता से जनजागरण अभियान चलाए जाएं ।