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(इस्लाम में “मौलवी” धार्मिक नेता को कहा जाता है !)
राजौरी (जम्मू-कश्मीर) – राजौरी में जामा मस्जिद के मौलवी फारूक ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से शुक्रवार की नमाज के समय, मस्जिद में वक्तव्य देने के लिए क्षमा याचना की है । मौलाना के भाषण का वीडियो प्रसारित होने के उपरांत उसकी आलोचना हुई थी । उसके उपरांत, उसने क्षमा मांगी । उसने कहा, “मैंने किसी धर्म के विरोध में नहीं, अपितु सरकार के विरोध में बात की थी ।” मौलवी ने अपने भाषण में चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की थी ।
फारूक ने क्षमा मांगते हुए एक वीडियो जारी किया है । उसका कहना है कि, “कश्मीरी हिन्दू कश्मीर की शान हैं, इनके बिना जम्मू-कश्मीर अधूरा है । यदि किसी ने मेरे वक्तव्य को समझने का प्रयत्न किया होता, तो शिकायत नहीं करता । मेरा आक्रोश सरकार पर था । कश्मीरी हिन्दू हमारे भाई हैं, इसलिए उनके विरोध में बोलने के लिए हमारे पास कुछ नहीं है ।”
क्या कहा था मौलवी फारूक ने ?“हमने इस देश पर ८०० वर्षों तक राज्य किया, जबकि उन्होंने (हिन्दुओं ने) ७० वर्षों तक सरकार चलाई । किन्तु, वे हमें नष्ट नहीं कर सकते !” मौलाना फारूक ने कहा था कि, “पिछले ३२ वर्षों में अनगिनत मुसलमान मारे गए हैं ; किन्तु, इसकी चर्चा कोई नहीं करता । कश्मीरी मुसलमानों की दुर्दशा को भुला दिया गया है । उनका रक्तपात कोई नहीं देखता । हम शांति से प्यार करने वाले लोग हैं । हमने इस देश पर ८०० वर्षों तक राज्य किया है, जबकि इन लोगों (हिन्दुओं) ने ७० वर्षों तक शासन किया है ; किन्तु, वे हमारी पहचान को नष्ट नहीं कर सकते । तुम नष्ट हो जाओगे, किन्तु हम नहीं ।” |
‘द कश्मीर फाइल्स’ के निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने मौलवी के वीडियो के विषय में ट्वीट करते हुए कहा, “इसी प्रकार कश्मीर में हिन्दुओं का वंशसंहार किया गया था ।”
Watch this. 1990 vs 2022.
Past. Present. Future? #TheKashmirFiles#RightToJustice pic.twitter.com/U4cCBsNq9k— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 27, 2022