मारियुपोल (युक्रेन) में भोजन-पानी के लिए नागरिकों द्वारा एक दूसरे पर हो रहे हैं आक्रमण !

  • शरीर में गर्मी रहने के लिए लोग एक दूसरे से गले लगकर दिन निकाल रहे हैं !

  • मधुमेह और कर्करोग की दवाओं के लिए हलचल

भविष्य में आने वाले आपातकाल में भारत में ऐसी स्थिति निर्माण होने पर जनता इसका सामना करने के लिए तैयार है क्या ? – संपादक

मारियुपोल (युक्रेन) – रशिया और युक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को १६ दिन हो गए है । रशिया की सेना ने युक्रेन के अनेक शहरों में प्रवेश कर वहां नियंत्रण कर लिया है । कुछ शहरों को घेर कर रखा है । सर्वसाधारण नागरिकों को भी रशिया की सेना ने लक्ष्य करना चालू किया है । मारियुपोल के एक अस्पताल पर किए आक्रमण में ६ वर्षीय लडकी सहित ३ लोग मारे गए हैं । इस शहर को घेरकर रखने से भोजन, पानी और बिजली के बिना नागरिकों को दिन निकालने पड रहे हैं । इस क्षेत्र में कडाके की ठंड होकर ऐसी ठंड में भोजन-पानी बिना दिन निकालना युक्रेन के नागरिकों के लिए कठिन हो गया है । इस कारण नागरिकों ने भोजन-पानी के लिए एक दूसरे पर आक्रमण करना चालू किया है ।

१. मरियुपोल में रेडक्रॉस संस्था सहायता पहुंचाने का प्रयास कर रही है । इस संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि, मारियुपोल की स्थिति अत्यंत भयावह होकर वहां के नागरिक भोजन-पानी के लिए एक दूसरे पर आक्रमण करने लगे हैं । पानी न होने से लोगों ने बर्फ पिघलाकर उसका पानी पीना चालू किया है । भोजन कम होने से छोटे बच्चों को खाने को नहीं दिया जाता है । मारियुपोल के रास्तों पर लोगों के कम से कम १ सहस्र २०० मृतदेह पडे हैं । इन सभी की रशिया के आक्रमण में मृत्यु हुई है ।

२. साशा वोलकोव यह मारियुपोल की रेड क्रॉस की प्रमुख ने बताया, ‘इस शहर में सब्जियों की कालाबाजारी चालू हुई है । अन्य खाद्यपदार्थ और कहीं भी नही मिलते । मारियुपोल में ५ दिनों पहले दवाओं का स्टॉक लूटा गया था । लोग भूमिगत निवासों में आसरा लेकर इस ९ डिग्री सेल्सियस तापमान में शरीर में गर्मी रहे, इसके लिए एक दूसरे को गले लगाकर दिन निकाल रहे हैं ।

३. साशा वोलकोव ने बताया, ‘लोग मधुमेह और कर्करोग की दवाएं खोजने के लिए परेशान हो रहे हैं; लेकिन उन्हें ये दवाएं कहीं भी नहीं मिल रही हैं । मरे हुए लोगों को कार्पेट में या प्लास्टिक बैग में लपेट कर ८० फुट गहरे गढ्ढे में ढकेल दिया जाता है ।’