युद्ध पर प्रतिदिन खर्च हो रहा है १ लाख १२ सहस्र करोड रुपए !
मॉस्को (रशिया) – रशिया के युक्रेन पर आक्रमण करने के ५ दिन हो गए हैं; लेकिन अभी तक रशिया युक्रेन को हरा नहीं सका । ‘युक्रेन पर जल्द ही नियंत्रण कर लिया जाएगा’ ऐसा रशिया समझता था; परंतु रशिया गलत ठहरा । अब यदि यह युद्ध और १० दिन चला, तो रशिया दिवालिया होने की दहलीज पर पहुंचेगा । पुतिन को समाधान खोजना ही पडेगा, ऐसा दावा एस्टोनिया इस युरोप के देश के पूर्व रक्षामंत्री रिहो तेरस ने किया । युक्रेन पर रशिया के किए आक्रमण के पीछे का उद्देश्य ‘युक्रेन को ‘नाटो’ में जाने से रोकना’, था ।
उल्टा पड़ सकता है रूस का दांव:युद्ध 10 दिन से ज्यादा चला तो रूस कंगाली की कगार पर होगा, यूक्रेन पर जल्द कब्जे की गलतफहमीhttps://t.co/OBWVROewer#russia #UkraineRussiaWar #economicloss pic.twitter.com/0ToUc5aaSQ
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) February 28, 2022
१. वर्तमान में युद्ध पर रशिया का प्रतिदिन १ लाख १२ सहस्र करोड रुपया खर्च हो रहा है, तो दूसरी ओर रशिया की मुद्रा ‘रुबल’ का मूल्य इस माह में १० प्रतिशत से कम हुआ है । पश्चिमी देशों ने रशिया के साथ डॉलर, युरो और पाऊंड के द्वारा किए जाने वाले व्यापार पर प्रतिबंध लगाया है । ऐसी स्थिति में ‘रूबल’ का मूल्य और गिर सकता है ।
२. युद्ध के ३ सप्ताह पूर्व ही रशिया की कंपनियों की हानि होने का प्रारंभ हुआ था । वहां का शेयर बाजार १० फरवरी के बाद ४० प्रतिशत गिरा है । इस कारण रशिया की कंपनियों को बडा घाटा सहन करना पड रहा है ।
३. युक्रेन पर आक्रमण के बाद रशिया नाटो में सहभागी होने का विचार कर रहे फिनलैंड और स्विडन इन पडोसी देशों पर भी आक्रमण कर सकता है । दूसरी ओर युरोप और अमेरिका द्वारा लगाए अलग अलग आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रशिया की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित हो रही है ।
४. अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञों का ऐसा दावा है कि, यदि यह युद्ध एक माह चला, तो रशिया को लाभ कम और नुकसान अधिक होगा । कीव और खारकीव में युक्रेन की स्थिति मजबूत करने के लिए कुछ युरोपीय देशों ने युक्रेन को हथियार उपलब्ध करना शुरू किया है । अब रशिया को लंबे समय तक युद्ध में उलझाकर रखने का युरोप का उद्देश्य है ।