‘एबीजी शिपयार्ड’ इस कंपनी की ओर से २८ बैंकों के २२ सहस्र ८४२ करोड रुपयों की धोखाधडी

  • देश में सबसे बडा बैंक घोटाला उजागर

  • बैंकों के कर्ज डूबे : गुनाह प्रविष्ट

  • एक ओर सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण बैंकों के कर्ज डूबते हैं, तो दूसरी ओर सरकार डूबे कर्ज के कारण दिवालियापन की दहलीज पर खडे ऐसे बैंकों को जनता के लाखों करोड रुपए देकर उन्हें उबारना, यह भारत मेंं खेल बन गया है । व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह सरकारी तंत्र के लिए लज्जास्पद !  – संपादक
  • इसके पहले भी अनेक बैंकों ने लाखों करोड रुपयों की धोखाधडी करने की घटनाएं होने के बाद भी सरकार तंत्र इससे कुछ सीखता क्यों नहीं ? ऐसी घटनाओें के लिए उत्तरदायी लोगों को सरकार द्वारा फांसी की सजा सुनाई जानी चाहिए ।  – संपादक


नई दिल्ली – देश के बैंक क्षेत्र मेंं सबसे बडा घोटाला होने का सी.बी.आई. ने उजागर किया है । ‘एबीजी शिपयार्ड’ इस कंपनी ने देश के २८ बैंकों की लगभग २२ सहस्र ८४२ करोड रुपयों की धोखाधडी की है । अप्रैल २०१२ से जुलाई २०१७ के दौरान यह घोटाला हुआ है । इस मामले में कंपनी के तत्कालीन संचालक ऋषि अग्रवाल, संथनम् मुथुस्वामी और अश्विनी अग्रवाल इन तीनों सहित कंपनी के विरोध में गुनाह प्रविष्ट किया है । ‘एबीजी शिपयार्ड’ यह ‘एबीजी’ समूह की प्रमुख कंपनी है । नौकाएं बनाना और मरम्मत, इसमें यह प्रमुख कंपनी मानी जाती है ।

१. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की शिकायत के बाद जांच करते समय यह घोटाला उजागर हुआ । इस कंपनी ने स्टेट बैंक से २ सहस्र ९२५ करोड रुपयों का, आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से ७ सहस्र ८९ करोड, आई.डी.बी.आई.से ३ सहस्र ६३४ करोड, बैंक ऑफ बडोदा से १ सहस्र ६१४ करोड, पी.एन.बी. से १ सहस्र २४४ करोड और आई.ओ.बी. से १ सहस्र २२८ करोड रुपयों का कर्ज लेकर उसे डुबो दिया है ।

२. ८ नवंबर २०१९ के दिन सर्वप्रथम शिकायत प्रविष्ट की गई थी । इसके बाद १२ मार्च २०२० को सी.बी.आई. ने कुछ बातों के विषय में स्पष्टीकरण मांगा था । उसी वर्ष अगस्त माह में नए से गुनाह प्रविष्ट कर जांच की गई थी । लगभग डेढ वर्ष विविध सबूतों की जांच करने के बाद सी.बी.आई. ने अब संचालकों के विरोध में गुनाह प्रविष्ट किया । बैंकों से जिस उद्देश्य के लिए कर्ज लिए, उस हेतु इसका उपयोग न कर यह रकम अन्यत्र लगाने का जांच में स्पष्ट हुआ है ।