आत्महत्या के पीछे बेरोजगारी और कर्जबाजारी ये दो मुख्य कारण
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नई दिल्ली – देश में वर्ष २०१८ से २०२० इन ३ वर्षों में बेरोजगारी के कारण ९ सहस्र १४० तो, कर्ज के कारण १६ सहस्र ९१, ऐसे कुल २५ सहस्र २३१ लोगों के आत्महत्या करने की जानकारी केंद्रीय गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी । राष्ट्रीय जांच पंजीकरण विभाग द्वारा दिए आंकडों के आधार पर उन्होंने यह जानकारी दी ।
Over 16,000 people committed suicide due to bankruptcy or indebtedness while 9,140 people ended their lives due to unemployment between 2018 and 2020, the Ministry of Home Affairs informed the #RajyaSabha.https://t.co/0iAu3pYGBm
— The Hindu (@the_hindu) February 10, 2022
१. बेरोजगारी के कारण आत्महत्या का प्रमाण बढने के साथ कोरोना के समय वर्ष २०२० में यह सबसे अधिक, अर्थात ३ सहस्र ५४८ था । वर्ष २०१८ में २ सहस्र ७४१ लोगों ने, तो २०१९ में २ सहस्र ८५१ लोगों ने आत्महत्या की ।
२. कर्ज के कारण अथवा दिवालिएपन के कारण वर्ष २०१८ में ४ सहस्र ९७०, वर्ष २०१९ में ५ सहस्र ९०८ लोगों ने आत्महत्या की । वर्ष २०२० में यह संख्या ६०० से कम थी । इस दौरान ५ सहस्र २१३ लोगों की मृत्यु हुई ।
३. नित्यानंद राय ने कहा कि, केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ चला रही है ।इसके द्वारा देश के ६९२ जिलों में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को सहायता कर रही है । मानसिक स्वास्थ्य सुधारणा कार्यक्रम और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करा कर आत्महत्या रोकने का केंद्र सरकार प्रयास कर रही है ।