भारत ही नहीं, तो विश्व का मौसम बदलने में विज्ञान का अतिरेक यह कारण है, ऐसा किसी का कहना गलत नहीं ! विज्ञान की उत्पत्ति पृथ्वी के अस्तित्व की जड से हुई है, यह तथाकथित आधुनिकतावादी कब ध्यान में लेंगे ? – संपादक
नई दिल्ली – मौसम बदलने से भारत के किनारे के भाग बंगाल का उपसागर, दक्षिण चीन समुद्र और दक्षिण हिन्द महासागर में कुछ असामान्य बदलाव दिख सकते हैं, ऐसा वैज्ञानिकों के अध्ययन से सामने आया है । ‘क्लायमेट डायनामिक्स’ इस नियतकालिक में इस अध्ययन की रिपोर्ट आई है ।
Due to #ClimateChange some unusual activities can be seen in the coastal areas of India#ClimateCrisis #ClimateActionNow https://t.co/z7BVuzzivW
— DNA (@dna) February 7, 2022
१. इस नए अध्ययन के कारण समुद्री किनारे से लगे शहरों को, साथ ही उसके आसपास रहने वाले लोगों को खतरा है; कारण इन भागों में पहले से ही बाढ का खतरा है । समुद्र की लहरें बढने से बाढ का खतरा बढ सकता है, जिस कारण भूगर्भ का नमकीन पानी घुसना, फसल नष्ट होना और मानव की सामाजिक और आर्थिक हानि ऐसी घटनाएं हो सकती हैं । तेज हवाओं का भारत के पूर्व और पश्चिम किनारे के भागों पर और हिन्द महासागर की सीमा पर स्थित देशों पर परिणाम होगा ।
२. इस अध्ययन के अनुसार, दक्षिण हिन्द महासागर क्षेत्र में जून से नवंबर इन माह में अधिकाधिक तेज हवा चल सकती है । बंगाल के उपसागर के भागों को अधिक हवा का सामना करना पडेगा ।