शत्रु राष्ट्रोें से भविष्य में क्या संघर्ष होगा, इसकी संभावना हमें दिख रही है ! – सेना प्रमुख नरवणे

सेना प्रमुख नरवणे

नई दिल्ली – अणु शस्त्र रखने वाले पडोसी देशों ने सीमा विवाद को उलझाकर रखा है, साथ ही उनकी ओर से छुपा युद्ध भी लडा जा रहा है । इसलिए उत्तर की सीमा पर हम हमेशा ही सतर्क हैं । इसके एक हिस्से के रुप में सेना की पुनर्रचना का प्रारंभ किया गया है । तीनों सुरक्षा बलोें का एकत्रित प्रयोग करने के लिए उनमें योग्य तालमेल रखा गया है । भविष्य में क्या संघर्ष होगा, इसकी संभावना हमें वर्तमान में दिख रही है । केवल सामने से ही नहीं, तो विविध जानकारी स्रोत, सायबर विशव, विवादग्रस्त सीमा पर यह घटनाक्रम हो रहे हैं, ऐसा विधान भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने किया है । वे ‘सेंटर फॉर लैंड वॉरफेअर स्टडीज’ इस संस्था द्वारा आयोजित किए ऑनलाइन कार्यक्रम में बोल रहे थे । उन्होंने पाकिस्तान और चीन इन पडोसी देशों को सीधे उल्लेख न करते हुए उनके ओर से होने वाले खतरे के विषय में सूचित किया । ‘अपना देश वर्तमान में एक अलग ही, बहुत कठिन और बहुस्तरीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है’, ऐसा उन्होंने कहा ।

जनरल नरवणे ने आगे कहा कि,

१. देश की उत्तर सीमा पर हुई कुछ घटनाओं के कारण खतरा अधोरेखित हुआ है । अपने देश की सार्वभौमिकता और अखंडता की रक्षा करने के लिए सीमापर अत्याधुनिक तंत्रज्ञान सहित सर्वोच्च सेना की तैयारी करना आवश्यक है ।

२. किसी देश में कुछ ताकतों को हाथ पकडकर परेशान करने का प्रयास किया जा सकता है, यह अफगानिस्तान की घटना से सिद्ध हुआ है । हमारे शत्रु हमेशा ही अपने सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करते रहेंगे । नियंत्रण रेखा पर पर्याप्त सेना रखने से ही पाकिस्तान के साथ की शस्त्रसंधि सफल रही है ।