इमाम का मुकदमा द्रुतगति न्यायालय में चलाकर उसे कठोर सजा होने के लिए सरकार द्वारा प्रयास करने आवश्यक ! – संपादक
नई दिल्ली – नागरिकता सुधार कानून (सी.ए.ए.) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एन.आर.सी.) के विरोध में हुए आंदोलन के समय भडकाऊ भाषण करने के मामले में दिल्ली सत्र न्यायालय ने जे.एन.यू. के विद्यार्थी शर्जिल इमाम पर देशद्रोह का आरोप निश्चित किया है । शर्जिल इमाम के विरोध में भारतीय दंड संहिता की धारा १२४ (देशद्रोह), १५३ अ (धर्म के आधार पर अलग अलग सामाजिक समूहों की शत्रुता को बढावा देना), १५३ ब (राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से प्रतिकूल वक्तव्य), ५०५ (सार्वजनिक गलत काम का कारण बनने वाले बयान) और यूएपीए धारा १३ (गैरकानूनी कार्यों के लिए सजा) ऐसे आरोप निश्चित करने का आदेश न्यायालय ने दिया ।
गद्दार शरजील इमाम पर चलेगा देशद्रोह का केस… CAA विरोध के दौरान की थी भारत के विघटन की बात#SharjeelImam
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) January 25, 2022
शर्जिल इमाम ने १३ दिसंबर २०१९ के दिन जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के परिसर में और १६ दिसंबर २०१९ के दिन अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषण किए थे । उसमें भाषणों में आसाम और शेष ईशान्य के राज्यों को भारत से तोडने की धमकी देने वाले वक्तव्य किए थे । इमाम के भाषण के बाद हिंसक दंगा होने का बताया गया है । शर्जिल जनवरी २०२० से न्यायालयीन हिरासत में है । इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उसके विरोध में आरोपपत्र प्रविष्ट किए थे ।