‘इस्लामिक स्टेट’ में सहभागी होने के लिए गए मुंबई के २ धर्मांधों को ८ वर्ष का कारावास !

  • ८ वर्षों बाद आरोपियों की जिहादी मानसिकता बदलेगी, इसकी कौन निश्चिति देगा ? – संपादक

  • ऐसे कितने धर्मांध ऐसे आतंकवादी संगठनों में सहभागी होने के लिए गए थे और कितने लोगों को सरकार हिरासत में लेकर कारागृह में डालेगी, इसकी भी जानकारी जनता को बतानी चाहिए ! – संपादक

  • इसके पहले इस आतंकवादी संगठन में सहभागी होने का प्रयास करने वाले अनेक धर्मांधों का पुलिस ने परामर्श किया था ! अब इन आरोपियों की सजा को देखते हुए ऐसी प्रवृत्तियों को परामर्श ही नहीं, तो कारागृह की ही आवश्यकता है, पुलिस अब तो यह ध्यान में लेगी क्या ? – संपादक
रिजवान अहमद और मोहसीन सैय्यद

मुंबई – ‘आई.एस.आई.एस.’ (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) इन जिहादी आतंकवाद संगठन में सहभागी होने के लिए गए मुंबई के मोहसीन सैय्यद और रिजवान अहमद इन दोनों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष न्यायालय ने ७ जनवरी के दिन ८ वर्ष की कारावास की सजा सुनाई । दोनों को १० सहस्र रुपयों का दंड भी लगाया गया है । पैसे न भरने पर शिक्षा की अवधि और ३ माह बढाई जाएगी ।

मोहसीन और रिजवान ये मालवणी के रहने वाले हैं । वर्ष २०१५ में ‘आई.एस.आई.एस.’ में सहभागी होने के लिए ये दोनों घर छोडकर गए थे । इस मामले में दोनों के विरोध में कालाचौकी पुलिस थाने में गुनाह प्रविष्ट किया गया था । आगे यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने पर जुलाई २०१६ में दोनों के विरोध में आरोपपत्र प्रविष्ट किया गया था । दोनों ने ही दिसंबर २०२१ में स्वयं का गुनाह स्वीकार कर अपनी सजा रहित करने के लिए विशेष न्यायालय में अरजी लगाई थी । स्वयं से गुनाह स्वीकार करने के कारण उनकी आजीवन कारावास की सजा टल गई ।