हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी त्रिदंडी महाराज ने की घोषणा
नई देहली – ‘म गांधी के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में, छत्तीसगढ पुलिस द्वारा बंदी बनाए गए कालीचरण महाराज को आगामी २४ घंटों में मुक्त नहीं किया जाने पर हिन्दू महासभा रास्ते पर उतरेगी एवं आंदोलन आरंभ करेगी’, ऐसी चेतावनी हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी त्रिदंडी महाराज ने दी है ।
स्वामी त्रिदंडी महाराज ने कहा है कि, भारत को ‘चेटकीण (डायन)’ कहने वाले मुक्त रूप से घूम रहे हैं, माता सीता एवं भगवान श्रीराम को गाली देने वालों पर कानून द्वारा कुछ भी कार्यवाही नहीं की जाती, राष्ट्रध्वज जलाने वाले भी बच जाते हैं, सनातन संस्कृति को तोडने वाले शासन के सहयोग से मुक्त हैं । परंतु, उन सैकडों क्रांतिकारियों एवं विभाजन के समय लाखों लोगों की मृत्यु के लिए उत्तरदायी गांधी को, कालीचरण महाराज महात्मा नहीं मान रहे हैं, इसलिए उन्हें बंदी बनाया जाएगा क्या ?, ऐसा प्रश्न उन्होंने किया ।
कालीचरण महाराज को बंदी बनाना अवैध ! -अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन
मध्य प्रदेश के खजुराहो से, छत्तीसगढ पुलिस ने कालीचरण महाराज को बंदी बनाते समय, मध्य प्रदेश पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी थी । छत्तीसगढ पुलिस का यह व्यवहार अवैध है । इस संबंध में अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘कालीचरण महाराज को बंदी बनाना अवैध है ।’
‘जब हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान होता है, तब कार्यवाही क्यों नहीं होती ?’ – पुराने अखाडे के महामंडलेश्वर यतिद्रानंद गिरि
‘कालीचरण महाराज ने गांधी का अपमान किया है । इसका समर्थन नहीं किया जा सकता है ; परंतु, देश में अनेक समय भगवान श्रीराम का अपमान किया गया है, माता सीता को व्यभिचारी कहा गया है, दूरदर्शन श्रृंखलाओं एवं चलचित्रों (फिल्मों) में हिन्दू देवताओं का उपहास किया गया है, तथा उनके नग्न चित्र निकाले गए हैं । उस समय कुछ भी कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है ? उस समय कोई भी बात क्यों नहीं करता ? कोई भी समाचार वाहिनी (न्यूज चैनल) ये सूत्र क्यों नहीं उपस्थित करती ? तब सर्व धर्मनिरपेक्षतावादी कहां छुप जाते हैं ?’, ऐसी प्रतिक्रिया पुराने अखाडे के महामंडलेश्वर यतिद्रानंद गिरि ने व्यक्त की है ।
महामंडलेश्वर यतिद्रानंद गिरि ने आगे कहा है कि, ‘स्वतंत्रता का श्रेय किसी एक को नहीं दिया जा सकता । नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय एवं अन्य भी इस संग्राम में सम्मिलित थे । गांधी के अफ्रीका से भारत आने के पूर्व से स्वतंत्रता सेनानी अंदमान के कारागृहों में पीडा सहन कर रहे थे । इसलिए, हम यह नहीं कह सकते है कि, एक व्यक्ति ने स्वतंत्रता प्राप्त की ।’
‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर का अपमान करने वाले मुक्त क्यों हैं ?’ – विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल
विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘छत्तीसगढ सरकार गांधी के संबंध में बात करने वाले व्यक्ति को मध्य प्रदेश में घुसकर उठा ले गई ; परंतु, लगातार स्वातंत्र्यवीर सावरकर तथा हिन्दुओं पर आघात करने वाले एवं आतंकवादियों का समर्थन करने वाले मध्य प्रदेश में रहते हैं । क्या उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही होगी ?’ बंसल का संकेत कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की ओर है ।
तब्लीगी के मौलाना साद को अब तक बंदी क्यों नहीं बनाया गया है ? – सामाजिक माध्यमों पर प्रश्न
कालीचरण महाराज को बंदी बनाया जाने की सामाजिक माध्यमों पर भी आलोचना हो रही है । एक व्यक्ति ने कहा है कि, ‘चूंकि कालीचरण महाराज हिन्दू हैं, इसलिए उन्हें सहजता से बंदी बना लिया गया ; परंतु, तब्लीगी जमात के अध्यक्ष मौलाना साद को बंदी बनाने में क्या बाधा है ?’ वर्ष २०२० में, देहली में तब्लीगी जमात के मुख्यालय से संपूर्ण देश में लौटने वाले सदस्यों के कारण कोरोना का प्रसार हुआ । तब्लीगी के मुखिया मौलाना साद के विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट किया गया है; परंतु, उसे अभी तक बंदी नहीं बनाया गया है । (लगभग डेढ वर्ष के पश्चात भी जन-विरोधी कृत्य करने वाले को बंदी न बनाने वाले पुलिस कानून के रक्षक है अथवा भक्षक ? पुलिस ने स्वयं कार्यवाही करना टाल दिया है अथवा उन्हें ‘उपर’ से आदेश प्राप्त होने के कारण उन्हें अब तक बंदी नहीं बनाया गया है ?, यह पुलिस ने जनता को बताना चाहिए । हिन्दुओं के लिए एक न्याय तथा धर्मांधों को दूसरा न्याय ; यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अपरिहार्य बनाती है ! – संपादक)