राज्य सरकार विद्यालयों में श्रीमद्भगवद्गीता पढा सकती है ! – केंद्र सरकार

  • अन्य पार्टियों की सरकारों द्वारा ढोंगी धर्मनिरपेक्षता के नाम पर श्रीमद्भगवद्गीता पढाना संभव न होने से अब भाजपा शासित राज्यों को इसके लिए प्रधानता से प्रयास करना आवश्यक है, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक

  • एक ओर अनेक विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक उनके संशोधन के कार्य के लिए श्रीमद्भगवद्गीता को आधार मानते हैं, तो दूसरी ओर स्वतंत्रता के ७४ वर्षों बाद भी बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में हिन्दू विद्यार्थियों को यह पढाई नहीं जाती है, यह अभी तक के सभी पार्टियों के शासनकर्ता और हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद ! हिन्दू राष्ट्र में प्रत्येक को श्रीमद्भगवद्गीता और साधना सिखाई जाएगी ! – संपादक 

नई दिल्ली – देश के विद्यालयों में श्रीमद्भगवद्गीता पढाई जा सकती है, ऐसा केंद्र सरकार ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में बताया है ।

भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी

मुंबई से भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने लोकसभा में प्रश्नोत्तर के समय पूछा था, ‘देश के विद्यालयों में श्रीमद्भगवद्गीता पढाने का सरकार विचार कर रही है क्या ?’ इस पर केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि, संविधान के अनुसार ‘शिक्षा’ यह राज्य सरकारों का विषय है । यदि राज्य को लगता है कि, श्रीमद्भगवद्गीता विद्यालय के पाठ्यक्रम में समाविष्ट की जाए, वैसा कर सकते हैं । वर्तमान में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.आई.) के पाठ्यक्रम में ७ वीं और ८ वीं के विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता का कुछ भाग पढाया जाता है ।