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बेंगलूरू (कर्नाटक) – कर्नाटक विधानसभा में बोलते समय ‘बलात्कार नहीं रोक सकते, तो सो जाइये और मजा कीजिए’, ऐसा विधान करने वाले काँग्रेस के विधायक और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार पर सभी स्तरों पर टिप्पणी होने के बाद उन्होने क्षमा मांगी है । ‘इस गंभीर गुनाह का उपहास करना या ‘वो छोटा है’, ऐसा कहने का मेरा कोई भी उद्देश्य नही था । यह केवल एक टिप्पणी थी । इसके आगे मैं अपने शब्दों का योग्य चयन करुंगा’, ऐसा ट्वीट रमेश कुमार ने किया है ।
#CongRapeComment | SHOCKER: Congress leader passes shocking comment on rape in Karnataka Assembly, lawmakers laugh!
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— Republic (@republic) December 16, 2021
राज्य में वर्षा के कारण हुई हानि पर बोलने के लिए विधानसभा में काँग्रेस के विधायक समय मांग रहे थे; लेकिन सभापति विश्वेश्वर हेगडे कागेरी यह टालने का प्रयास कर रहे थे । कागेरी ने कहा, ‘मैं विचार कर रहा हूं कि, हम परिस्थिति का मजा ले रहे हैं । मैं व्यवस्था नियंत्रित नहीं कर सकता या उसपर नियंत्रण नहीं रख सकता ।’ (यदि राज्य में वर्षा के कारण हानि हुई होगी, तो ‘उसपर चर्चा होनी चाहिए’, ऐसा ही जनता को लगेगा । ‘इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष कैसे मना कर सकते हैं ?’, ऐसा प्रश्न उपस्थित होता है ! – संपादक) इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक रमेश कुमार ने कहा, ‘एक कहावत है, ‘जब बलात्कार अपरिहार्य होता है, तब सो जाइये और मजा कीजिए ।’ आप बिल्कुल उसी स्थिति मेंं है ।’ उनके इस विधान पर सभागृह में उपस्थित विधायक हंसते हुए दिखे ।
इससे पहले भी रमेश कुमार ने बलात्कार के विषय में किए थे विधान !
फरवरी २०१९ में विधानसभा अध्यक्ष रहते समय रमेश कुमार ने स्वयं की तुलना बलात्कार पीडिता से की थी । उन्होंने कहा था, ‘मेरी अवस्था बलात्कार पीडिता समान हो गई है । बलात्कार केवल एक बार हुआ । वहां छोड देते, तो वो समाप्त हो जाता । बलात्कार होने की शिकायत करने पर आरोपी को कारागृह में डाला जाता है । मुकदमे के अंत में, पीडिता कहती है, ‘बलात्कार प्रत्यक्ष में एक बार हुआ था; परंतु न्यायालय में पूछताछ के समय अनेक बार हुआ । मेरी भी अवस्था ऐसी ही हो गई है ।’ इस समय उनकी पार्टी की महिला विधायकों ने इस विधान का निषेध किया था ।