देश के प्रत्येक नागरिक पर ३२ सहस्र रुपयों का विदेशी कर्ज !

भारत पर कुल १४७ लाख करोड रुपयों का कर्ज !

  • स्वतंत्रता के ७४ वर्षों बाद भारत ने यही प्रगति की है, ऐसा समझना चाहिए क्या ?– संपादक

  • देश के प्रत्येक नागरिक के सिर पर ३२ सहस्र रुपयोें का कर्ज रहते हुए और यह प्रतिदिन बढते रहने से शासनकर्ता, प्रशासन, जनता को इसकी कुछ भी गंभीरता नहीं और वे पैसों का अनावश्यक खर्च करते दिखते हैं, यह भारत के लिए लज्जास्पद !– संपादक

  • यह कर्ज और उसका ब्याज उतारने के लिए पुन: नया कर्ज और इसे उतारने के लिए पुन: कर्ज यह चक्र ऐसे चालू ही रहेगा ! इसे रोकने के लिए एक तो शासनकर्ता स्वयं कुछ करता है क्या और जनता को करने को बताता है क्या ?– संपादक


नई दिल्ली – वर्ष २०२१ में देश के प्रत्येक नागरिक पर विदेशी कर्ज बढकर ३२ सहस्र रुपये हो गया है । वर्ष २०२१ में भारत पर ४३ लाख ३२ सहस्र करोड रुपयों का विदेशी कर्ज है, तो कुल कर्ज १४७ लाख करोड रुपयों जितना है ।

१. स्वतंत्रता के बाद वर्ष १९५० में भारत ने लगभग ३८० करोड रुपयों का विदेशी कर्ज लिया था । तब से आज तक ७३ वर्षों में अनेक सरकार आई और गई; परंतु प्रत्येक सरकार के कार्यकाल में देश पर विदेशी कर्ज बढता ही गया ।

२. २१ नवंबर ,२०२१ के दिन भारत ने एशियन डेवलप्मेंट बैंक से २ सहस्र ६४५ करोड रुपए कर्ज लिया है । विशेषज्ञों के मतानुसार, सरकार इस वर्ष १२ लाख करोड रुपयों का कर्ज लेने की योजना बना रही है ।

३. कर्ज में लिया यह पैसा ब्याज देने, केंद्रीय योजनाओं में, वित्त आयोग के अनुदान के लिए और अर्थसंकल्पों में अनुदान देने के लिए केंद्र सरकार प्रयोग करती है ।

४. पिछले ७ वर्षों में देश का कर्ज कम होने की बजाय बढा है । वर्ष २०१४ से अब तक केंद्र सरकार ने विदेश से १० लाख करोड रुपयों का कर्ज लिया है ।

५. वर्ष २००६ से २०१३ तक ७ वर्षों में काँग्रेस गठबंधन सरकार ने लगभग २१ लाख करोड रुपयों का विदेशी कर्ज लिया । वर्ष २००६ में देश पर १० लाख करोड रुपयों का विदेशी कर्ज था । जो २०१३ तक ३१ लाख करोड  हो गया । अर्थात ७ वर्षों के काल में काँग्रेस गठबंधन सरकार ने २१ लाख करोड रुपयों का कर्ज बढाया । वर्तमान भाजपा सरकार ने पिछले ७ वर्षों में १२ लाख करोड रुपयों से उसमें बढत की है; परंतु एक अच्छी बात यह कि काँग्रेस गठबंधन सरकार की तुलना में ७ वर्षों में कोरोना महामारी के रहते हुए भी विदेशी कर्ज कम प्रमाण में लिया गया ।

६. वर्ष २०१४ में देश की जनसंख्या १२९ करोड थी । ऐसे समय वर्ष २०१४ में प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग २६ सहस्र रुपए विदेशी कर्ज था । अर्थात इन ७ वर्षों में प्रत्येक व्यक्ति पर ६ सहस्र रुपयों का कर्ज बढा है ।

७. वर्ष २०२० में भारत पर कुल १४७ लाख करोड रुपयों का कर्ज था । इसमें विदेशी कर्ज ४३ लाख करोड है । अधिकांश देशों पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन का ४० से ५० प्रतिशत कर्ज होता है, तो भारत पर यह ८९ प्रतिशत कर्ज है । अमेरिका, जापान, ब्राजील सहित विश्व के ५ देशों पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन की तुलना में अधिक कर्ज है । जापान में सकल राष्ट्रीय उत्पादन की तुलना में २५४ प्रतिशत, अमेरिका पर १३३ प्रतिशत, फ्रांस पर ११५ प्रतिशत, ब्रिटेन पर १०४ प्रतिशत, ब्राजील पर ९८ प्रतिशत कर्ज है ।