नई देहली – केंद्र सरकार ने सर्वाेच्च न्यायालय में एक याचिका की सुनवाई के समय यह तर्कवाद किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थ्ति भारत और चीन की सीमा पर ब्रह्मोस जैसे क्षेपणास्त्रों और रक्षा उपकरणों को ले जाने हेतु उत्तराखंड राज्य के चारधाम प्रदेश में स्थित सडकों का चौडाईकरण करना आवश्यक है ।
Attorney General K K Venugopal said that the country needs to defend itself as it is vulnerable. #CharDham | #BrahMos | #IndiaChinaBorder https://t.co/RNnykYKwEh
— DNA (@dna) November 12, 2021
१. सरकार ने यह प्रश्न उठाते हुए कहा कि भारतीय सेना को इस प्रदेश में ब्रह्मोस क्षेपणास्त्र ले जाने हैं । उसके लिए अधिक भूमि लगेगी । ऐसे समय वहां भूस्खलन हुआ, तो सेना उसका सामना करेगी । यदि सडकें पर्याप्त मात्रा में चौडी नहीं होंगी, तो हम वहां जाएंगे कैसे ?
२. चारधाम महामार्ग को १० मीटरतक चौडा बनाने की केंद्र सरकार की परियोजना के विरोध ेमं स्वयंसेवी संगठन ‘ग्रीन दून’ द्वारा प्रविष्ट की गई याचिका की सुनवाई के समय सरकार ने यह तर्कवाद किया । इस संगठन का यह कहना है कि मूलभूत सुविधाओं के लिए चलाई जा रही परियोजनाओं के लिए पेडों की कटाई की गई, तो उससे बडी मात्रा में भूस्खलन होगा और पर्यावरण से संबंदित अन्य आपत्तियों में वृद्धि हो सकती है ।
३. सर्वाेच्च न्यायालय ने इससे पूर्व दिए एक निर्णय में कहा था कि भूस्खलन की संभावना के कारण पर्वतीय प्रदेशों में सडकें ५ मीटर से अधिक चौडी नहीं बनाई जा सकती ।