जम्मू-काश्मीर के अलगाववादी नेता सय्यद गिलानी के नाती को सरकारी नौकरी से निकाला !

आतंकवादी कार्यवाहियों में सहयोग करने का आरोप

  • एक ओर काश्मीर में सेना आतंकवादियों से रात-दिन लड़ रही है और दूसरी ओर काश्मीर प्रशासन में इतने वर्ष आतंकवादियों के सहयोगी के रूप में कार्यरत रहना अभी तक की सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद ! – संपादक
  • यह इतने वर्ष गुप्तचर संस्थाओं को कैसे नहीं समझ में आया ? – संपादक
अनीस-उल्-इस्लाम और सय्यद अली शाह गिलानी

श्रीनगर (जम्मू-काश्मीर) – आतंकवादी कार्यवाहियों को सहायता करने के आरोप में जम्मू-काश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेता सय्यद अली शाह गिलानी के नाती अनीस-उल्-इस्लाम को सरकारी सेवा से निकाल दिया । संविधान के अनुच्छेद ३११  के अंतर्गत विशेषाधिकार का प्रयोग कर यह कार्यवाही की गई । ‘सय्यद गिलानी ने अपने नाती को सरकारी नौकरी में रखने की मांग कर हिंसा की थी । वर्ष २०१६ में उसके नाती की नियुक्ति होने के तुरंत बाद परिस्थिति शांत हो गई थी’, ऐसी जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी ।

सरकारी सेवा में नियुक्ति के कुछ माह पूर्व अनीस पाकिस्तान जाकर आया था । सय्यद गिलानी के बताएनुसार वहां आई.एस.आई. के कर्नल यासीर से अनीस मिला था, साथ ही सरकारी नौकरी में नियुक्त होने से पहले अनीस श्रीनगर और उसके आसपास कानून और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी और अन्य घटनाओं का वीडियो बनाने के लिए ‘ड्रोन’ उडा़ने की व्यवस्था करता था और उसके द्वारा बनाए गए वीडियो आई.एस.आई. को भेजता था । अनीस संयुक्त अरब अमिरात और सौदी अरेबिया के ३ संदिग्ध आतंकवादियों के संपर्क में होने की जानकारी मिलने का सूत्रों ने बताया है ।