‘अरुणाचल प्रदेश भारत का नहीं है ! ’ – चीन की पुनः फुत्कार

  • उपराष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का चीन ने किया विरोध

  • अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग ! – भारत का प्रत्युत्तर

चीन का मुंह सदा के लिए बंद करने के लिए भारत को आक्रामक होना आवश्यक !– संपादक

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लिजियान और भारत के उपराष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू

नई देहली – अवैध पद्धति से बनाए गए अरुणाचल प्रदेश को हम मान्यता नहीं देते । भारत के उपराष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू ने इस राज्य की यात्रा की, उसका हम विरोध करते हैं; इन शब्दों में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लिजियान ने नायडू की यात्रा का विरोध किया । उन्हों ने अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत अर्थात चीन का भाग होने का दावा किया । चीन के इस विरोध का भारत ने भी प्रत्युत्तर दिया है । भारत ने कहा है कि ‘हम चीन के आधिकारिक प्रवक्ता के द्वारा दिया हुआ वक्तव्य सुना । हम उसे स्वीकार नहीं करते । अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है । भारतीय नेता किसी भी राज्य की यात्रा कर सकते हैं, उसी प्रकार से वे अरुणाचल प्रदेश की भी यात्रा पर जाते हैं । भारत के नेता द्वारा भारत के ही किसी राज्य की यात्रा का चीन का विरोध करना समझ से परे है ।’

तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा के अतिरिक्त पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और वर्ष २०१४ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी और चीन ने उस समय भी इन यात्राओं का विरोध करनेवाले वक्तव्य दिए थे ।