वीडियो के संबंध में अन्वेषण किया जाएगा !
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी का सामाजिक माध्यम पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन अपने सरकारी आवास पर उपस्थित कुछ मुसलमानों को हिंदू विरोधी दुष्प्रचार और धर्मांतरण के बारे में बता रहे हैं । इस वीडियो में मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम स्वीकार करने के लाभों के विषय में बताते हैं । उन्होंने उसमें कहा है कि, “उत्तर प्रदेश के माध्यम से अल्लाह ने हमें एक केंद्र उपलब्ध कराया है, जहां से हम पूरे देश और विश्व स्तर पर कार्य कर सकते हैं ।” इस वीडियो के सामने आने के उपरांत, इफ्तिखारुद्दीन का विरोध प्रारंभ हो गया है । इस संबंध में, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, “यदि ऐसी कोई घटना हुई है तो उसकी गंभीरता से जांच की जाएगी ।” उन्होंने कहा, “इफ्तिखारुद्दीन जब कानपुर में संभागीय आयुक्त के पद पर थे, यह वीडियो उस समय का है ।”
‘पूरी दुनिया में अल्लाह की निजामियत कायम करनी है’: IAS इफ्तिखारुद्दीन पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने के आरोप, 3 वीडियो वायरल#Kanpur #IAShttps://t.co/rzmCXjUkrs
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) September 28, 2021
१. इस संबंध में कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने अतिरिक्त उपायुक्त सोमेंद्र मीणा को प्रकरण की जांच के निर्देश दिए हैं ।
२. ‘क्या यह वीडियो वास्तविक है और क्या इसमें कोई अपराध हुआ है ? इसकी जांच की जा रही है’, ऐसा कानपुर नगर पुलिस आयुक्तालय ने कहा । (क्या सरकारी आवास पर हिन्दू विरोधी दुष्प्रचार और धर्मांतरण पर चर्चा करना अपराध नहीं है ? इसकी जांच होनी चाहिए और १-२ दिन में कार्रवाई होनी चाहिए ! – संपादक)
३. मठ मंदिर सहकारी समिति के उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने इफ्तिखारुद्दीन पर हिंदू विरोधी गतिविधियां करने का आरोप लगाया है ।
हिंदू धर्म का अपप्रचार करने वाला इफ्तिखारुद्दीन !
वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन कहते हैं, कि पंजाब में एक व्यक्ति ने इस्लाम स्वीकार कर लिया है । जब पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया ? तो उसने बताया, “मेरी बहन की मृत्यु के उपरांत उसे जला दिया गया था । तब उसके वस्त्र जल गए और वह निर्वस्त्र हो गयी । उपस्थित सभी लोग देख रहे थे । मुझे उस समय लज्जा आ रही थी । आज ये मेरी बहन को देख रहे हैं, कल बेटी को देखेंगे । इसलिए, मैंने इस्लाम अपनाने का निर्णय किया, क्योंकि, इससे अच्छा कोई धर्म नहीं है ।” (हिंदुओं के अंतिम संस्कार के संबंध में इस तरह की मिथ्या प्रसारित कर अपप्रचार करनेवाले इफ्तिखारुद्दीन पर अभियोग लगाकर, बंदी बनाकर कारागृह में डाला जाना चाहिए ! साथ ही, केंद्र सरकार को उसे निलंबित करना चाहिए ! – संपादक)