चर्च द्वारा ‘लव जिहाद’ के विरोध में जागृति करने हेतु प्रकाशित पुस्तिका में दी गई जानकारी
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तिरुवनंतपुरम् (केरल) – कोलीकोड जिले के थमारसेरी शहर के चर्च ने ‘लव जिहाद’ के विरोध में जागृती करने हेतु प्रकाशित पुस्तिका जानकारी दी गई है कि ‘ईसाई युवतियों को ‘लव जिहाद’ में फंसाने के लिए मौलवी युवितयों के लेखनी (पेन), रूमाल, बाल इत्यादि का उपयोग कर उन पर काला जादू करते हैं ।
चर्च द्वारा ‘लव जिहाद’ के विरोध में की जा रही जागृति को धर्मांधों का तीव्र विरोध !
विविध प्रकार के जिहाद के विषय में जागृति करने के कारण चर्च को तीव्र विरोध का सामना करना पड रहा है । इस पुस्तिका को धर्मांधों द्वारा तीव्र विरोध करने के उपरांत थमारसेरी क्षेत्र चर्च में धार्मिक शिक्षा देनेवाले विभाग के संचालक फादर जॉन पल्लीक्कवयाल ने कहा, ‘‘यह पुस्तिका ईसाई युवा ईसाई ही रहें तथा ईसाई युवतियों की रक्षा हेतु प्रकाशित की गई है । किसी भी संभ्रम तथा किसी की भावनाए आहत हुई हो, उस हेतु हमें खेद है ।’’ ‘समस्त अधिकार संरक्षण समिति’ के अध्यक्ष अब्दुल खासर ने पुस्तिका त्वरित जप्त करने की मांग करते हुए कहा कि, ‘इस्लाम में अन्य समुदायों की महिलाओं का लैंगिक शोषण करने पर ‘जन्नत’ (स्वर्ग) मिलती है ।’ (ऐसे वक्तव्यों से ‘लव जिहाद अस्तित्व में है’, यह स्वयं धर्मांधों ने ही स्वीकार किया है । इसलिए निरंतर ईसाईयों का समर्थन करनेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी क्या धर्मांधों के खुले षड्यंत्र के विरोध में कुछ बोलेंगे ? – संपादक)
लव जिहाद के विरोध में ईसाई धर्मगुरुओं में तीव्र असंतोष !१. फादर जॉन पल्लीक्कवयाल ने दावा किया कि उनके विभाग में १६० महिलाओं को ‘लव जिहाद’ में फसाया गया था । आरोपों की जांच में पता चला कि १०० से अधिक महिलाओं का यौन उत्पीडन किया गया था । २. सायरो मालाबार चर्च के बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट ने कहा कि ‘केरल के हिन्दू और ईसाई युवतियों को ‘लव जिहाद’ के साथ ही ‘नार्काेटिक जिहाद’ में फंसाया जा रहा है ।’ ‘नार्काेटिक जिहाद’ अर्थात नशीले पदार्थाें का व्यसन लगाकर युवतियों का जीवन नष्ट (बरबाद) करना । ३. ‘लव जिहाद’ के सूत्र की अनदेखी करने से, साथ ही महिला और बच्चियां लापता होने के प्रकरणों का उचित प्रकार से अन्वेषण न करने पर केरल के ‘कैथलिक बिशप काउन्सिल’ ने राज्य एवं केंद्र सरकार पर टिप्पणी की थी । |