रायपुर (छत्तीसगढ) महानगरपालिका द्वारा श्री गणेशमूर्ति कूडे़ की गाडी़ से ले जाने का और उन्हे विसर्जन स्थल पर फेंकने का अपमानजनक मामला उजागर !

हिन्दुओं में रोष !

  • श्री गणेश का घोर अपमान करने के मामले में हिन्दुओं को छत्तीसगढ की काँग्रेस सरकार से संवैधानिक मार्ग से उत्तर मांगना चाहिए !– संपादक
  • अभी तक अनेक स्थानों पर श्री गणेश का इस प्रकार अपमान होने पर भी एक को भी कठोर सजा नही हुई, यह ध्यान में लें ! इसलिए हिन्दू संगठित होकर संबंधित लोगों को कानूनी सजा होने के लिए वैध मार्ग से प्रयास करें !– संपादक
  • प्रत्येक वर्ष गणेश विसर्जन के समय अनेक स्थानों पर श्री गणेश मूर्तियों का इस प्रकार से प्रशासकीय स्तर पर अपमान किया जाता है । इस कारण हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का आदर करने वाले और भगवान के प्रति भाव होने वाले शासनकर्ताओं का ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना, यही इस पर एकमात्र उपाय है, यह जान लीजिए !– संपादक
प्रतिमात्मक छायाचित्र

रायपुर (छत्तीसगढ) – अनंतचतुर्दशी के दिन रायपुर महानगरपालिका प्रशासन द्वारा श्री गणेश मूर्तियों का विसर्जन करने के नाम पर उन्हें कूडा़ गाडी से ले जाकर और उन्हें कृत्रिम तालाब में फेंकने का अपमानजनक मामला उजागर हुआ । इस विषय का एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित होने के बाद हिन्दुओं ने रोष व्यक्त किया । महानगरपालिका प्रशासन ने विसर्जन के लिए घर घर से श्री गणेश मूर्तियां जमा की थीं । इस पर हिन्दुओं ने ‘यदि महानगरपालिका को श्री गणेश मूर्तियों का विधिवत् विसर्जन करना संभव नहीं था, तो वे घर घर से मूर्तियां क्यों लेकर गए ?’, ऐसा प्रश्न पूछा । इसके साथ ही ‘इसके लिए महानगरपालिका प्रशासन और सरकार उत्तरदायी होकर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करें’, ऐसी मांग भी की ।

प्रशासन का काम अक्षम्य ! – भाजपा

इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा, ‘‘धर्म से खेलना, यह कॉंग्रेस की आदत है । श्री गणेश मूर्तियों को कूडा़ गाडी़ से लेकर जाना, यह करोडो़ हिन्दुओें की धार्मिक भावनाएं दुखाना है । प्रशासन का यह काम अक्षम्य है । सरकार को उत्तरदायी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए ।’’

(कहते हैं) ‘कूडा गाडी़ से कोई भी मूर्ति नहीं ले जाई गई !’ – महापौर एजाज ढेबर

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने कहा, ‘‘महानगरपालिका की कूडा गाडी से कोई भी मूर्ति नहीं ले जाई गई । मैं स्वयं ‘महादेव विसर्जन घाट’ के कुंड के पास जाकर लोगों से चर्चा कर उनका कहना सुनकर लिया । महानगरपालिका के कुछ कर्मचारियों की ओर से विसर्जन के समय लापरवाही हुई । उनके पास से यह काम वापस ले लिया गया है । मैने व्यवस्था में बदलाव करने का निर्देश दिया है । कुछ लोग इसमें राजनीति कर रहे हैं । उनसे मैं प्रार्थना करता हूं कि, उन्हें ऐसे मामले में राजनीति नही करनी चाहिए ।’’ (गलती ध्यान में आने पर संबंधित कर्मचारियों से काम छीन लिए, तो भी ‘गणेश मूर्तियों का क्या किया’, इसपर महापौर ने मौन रखा है, यह ध्यान दें ! – संपादक)