महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु का रहस्य कायम !

पुलिस द्वारा विशेष जांच दल की स्थापना !

  • शिष्य आनंद गिरि को बंदी बना लिया गया, तो अन्य दो को हिरासत में लिया गया !
  • ८ व्यक्तियों के लाई डिटेक्टर टेस्ट (असत्य संसूचक परीक्षण) की संभावना !

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश पुलिस ने अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है । पुलिस ने इस मृत्यु के संबंध में, धारा ३०६ के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर लिया है । इस प्रकरण में, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को बंदी बनाया है, तो यहां के लेटे हनुमानजी मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी एवं उनके बेटे संदीप तिवारी से हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है । इन दोनों के नाम महंत द्वारा अपनी मृत्यु के पूर्व लिखे गए पत्र में थे । आनंद गिरि पर, महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक रूप से प्रताडित करने का आरोप लगाया गया है । इस प्रकरण में, ८ लोगों के ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ (अपराध के प्रकरण में  संबंधित आरोपी सत्य कह रहे हैं अथवा नहीं, यह सत्यापित करने के लिए किया जाने वाला परीक्षण) किए जाने की संभावना है । बताया जा रहा है कि, इसमें एक भवन निर्माता (बिल्डर) सम्मिलित है । पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरी का मोबाइल फोन संच जब्त कर लिया है एवं उसका सत्यापन किया जाएगा । कहा जाता है कि, महंत नरेंद्र गिरी ने अपनी मृत्यु के पूर्व मोबाइल पर चित्रीकरण किया था । राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘प्रत्येक घटना की जांच की जाएगी तथा जो भी दोषी होगा, उस पर कठोर कार्यवाही की जाएगी ।’

२० सितंबर प्रातःकाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के बाघंबरी मठ में आकर महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की । उस समय, प्रसार माध्यमों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘महंत का कल (२२ सितंबर को) पोस्टमार्टम (शवविच्छेदन) किया जाएगा एवं तत्पश्चात उन्हें समाधि दी जाएगी ।’

नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करने का प्रयास

बताया जा रहा है, कि नरेंद्र गिरि को एक वीडियो के माध्यम से अज्ञात व्यक्ति द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था । इस वीडियो में निश्चित रूप से क्या है ? इसका अन्वेषण करनेका पुलिस प्रयास कर रही है ।

समाजवादी दल के पूर्व मंत्री से पूछताछ की संभावना !

इस प्रकरण में, समाजवादी दल की विगत सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है । इस भूतपूर्व मंत्री से पूछताछ की जाने की संभावना है । यह भूतपूर्व मंत्री नरेंद्र गिरि से मिलने प्रायः बाघंबरी मठ आया करता था । माना जाता है, कि बंदी बनाए गए शिष्य आनंद गिरि के भी इस भूतपूर्व मंत्री के साथ घनिष्ठ संबंध हैं ।

मृत्यु के पूर्व लिखीपत्र पर संदेह

आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि द्वारा अपनी मृत्यु के पूर्व लिखे गए पत्र पर संदेह व्यक्त किया है । उसने कहा है, कि महंत नरेंद्र गिरि ठीक से लिख भी नहीं पाते थे । परंतु, उनका शिष्य निर्भय द्विवेदी अच्छे से लिख सकता है ।

मृत्यु के दिन नरेंद्र गिरि किसी की प्रतीक्षा कर रहे थे !

निर्भय द्विवेदी ने पुलिस को बताया कि, ‘अपनी मृत्यु के दिन नरेंद्र गिरि एक व्यक्ति की प्रतीक्षा कर रहे थे ।’ एक सेवक ने पुलिस को यह भी बताया, कि नरेंद्र गिरी ने दो दिन पूर्व उसे डोरी लाने को कहा था । सेवक ने कहा, नरेंद्र गिरी ने उसी डोरी से फांसी लगा ली ।

सीबीआई जांच के लिए न्यायालय में याचिका

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु की सीबीआई द्वारा जांच की मांग करने वाली एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रविष्ट की गई है । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने प्रयागराज के जिलाधीश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को तत्काल सेवा से हटाने की मांग भी की है ।