सनातन में ‘मैंने किया’, ऐसा कुछ भी न होना – परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

परात्पर गुरु डॉ. आठवले

     ‘कुछ आध्यात्मिक संस्थाएं अथवा संप्रदाय कोई अभियान अथवा कार्यक्रम करने पर ‘हमने यह किया, हमने वह किया’, ऐसा बताते हुए दिखाई देते हैं; परंतु सनातन में सभी कार्य महर्षि, संत आदि के अर्थात भगवान के मार्गदर्शन अनुसार किया जाता है । इसलिए ‘सनातन प्रभात’ में ‘… की आज्ञानुसार किया गया’, ऐसा उल्लेख किया जाता है । स्वयं कर्तापन न लेने के लिए नहीं, अपितु वह वस्तुस्थिति होने से ऐसा किया जाता है । इसका दूसरा पहलू यह है कि स्वयं की महानता दिखाने हेतु प्रयास न होने से ‘स्वयं ने कुछ नहीं किया’, ऐसी हीन भावना भी मन में नहीं रहती, इसके विपरीत आज्ञापालन करने का आनंद प्राप्त होता है । सनातन संस्था द्वारा चलाए गए कुछ उपक्रमों का उल्लेख कुछ समाचारों में किया जाता है । वह इसलिए कि ऐसे उपक्रमों के माध्यम से भी साधना कर सकते हैं, इसका उदाहरण समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का वह एक माध्यम है ।’

– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले