कट्टरपंथी चाहे वे किसी भी देश के हों, दूसरे धर्मों के लिए घातक ही हैं । – संपादक
बर्लिन (जर्मनी) – एक अफगान व्यक्ति ने, माली का काम करनेवाली एक ५८ वर्षीय जर्मन महिला और उसकी सहायता के लिए आए एक अन्य व्यक्ति पर चाकू से आक्रमण किया, जिससे वह महिला घायल हो गई ।
According to German authorities, a 29-year-old Afghan man attacked and severely injured a 58-year-old landscape gardener, as he didn't like the idea that she was working as a womanhttps://t.co/uddnOQDpyU
— WION (@WIONews) September 6, 2021
जर्मन दैनिक एक्सप्रेस के अनुसार, २८ वर्षीय अफगान नागरिक इस्लामवादी मानसिकता के कारण यह मानता है कि, “महिलाओं को माली का काम नहीं करना चाहिए ।” पुलिस ने उसे बंदी बना लिया है । पुलिस को संदेह है, कि यह व्यक्ति मानसिक रोग से ग्रसित है । यह अफगान नागरिक २०१६ से जर्मनी में रह रहा है । वर्तमान में चिंता जताई जा रही है, कि अफगानिस्तान से पलायन कर रहे अफगान नागरिकों को शरण देना अन्य देशों के लिए घातक है ।
इराक और सीरिया में लाखों मुसलमानों ने इस्लामिक स्टेट के अत्याचारों से स्वयं को बचाने के लिए, २०१५-१६ में यूरोपीय देशों में शरण मांगी थी । उस समय, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने शरणार्थियों को शरण देने की नीति अपनाई थी । इतना ही नहीं, हर यूरोपीय देश ने दूसरे यूरोपीय देशों पर शरणार्थियों को स्वीकार करने का दबाव बनाया था । यूरो न्यूज के अनुसार, गत माह अफगान शरणार्थी संकट के संदर्भ में मर्केल ने कहा था कि, “हम सभी शरणार्थियों को स्वीकार कर, उनका समाधान नहीं कर सकते ।”