तालिबान ने पहले दानिश सिद्दीकी को गोली मारी और बाद में यह पता चलने पर कि वह भारतीय है इस गुस्से से उसका सिर गाडी के नीचे कुचल दिया ! – अफगान कमांडर द्वारा दी गई जानकारी

भारतीय वृत्तछाया चित्रकार की तालिबान द्वारा की गई हत्या का खुलासा

  • तालिबानी भी मुसलमान और भारतीय वृत्त छायाचित्रकार भी मुसलमान होने से तालिबानियों ने केवल वह भारतीय होने के गुस्से में उसकी हत्या कर दी, भारत के मुसलमान इस पर ध्यान देंगे क्या ?
  • तालिबान की इस क्रूरता के विषय में भारत के मुसलमान संघठन मुल्ला, मौलवी और इमाम कुछ बोलेंगे क्या ?

नई दिल्ली – भारतीय वृत्त छायाचित्रकार और ‘पुलित्जर’ पुरस्कार विजेता दानिश सिद्दीकी की कुछ दिन पूर्व अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई थी । उनकी मृत्यु गोली लगने से हुई ऐसा कहा जा रहा था । यह हत्या तालिबान ने की है ऐसा कहा जा रहा था; लेकिन तालिबान ने इस हत्या को नकारते हुए स्वयं को निर्दोष बताया था ।  तालिबानी आतंकवादियों द्वारा उसे गोली मारने के बाद उसका सिर चार पहिया वाहन के नीचे कुचलने की जानकारी अफगानिस्तान सेना के कमांडर बिलाल अहमद ने ‘आज तक’ इस न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में दी । दानिश सिद्दीकी ‘रॉयटर्स’ इस अंतर्राष्ट्रीय वृत्त संस्था की ओर से अफगानिस्तान में छायाचित्र लेने के लिए गए थे ।

अहमद ने बताया कि, तालिबानी आतंकवादियों ने पहले दानिश सिद्दीकी को गोली मारी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई । बाद में उन्हें पता चला कि, दानिश सिद्दीकी भारतीय हैं । तालिबान को भारत पर क्रोध होने के कारण उन्होंने दानिश सिद्दीकी के मृतदेह का अपमान किया । मृत्यु होने के बाद भी आतंकवादियों ने दानिश सिद्दीकी के सिर पर गाडी़ चढाकर उसका सिर कुचल दिया ।

(कहते हैं) ‘दानिश को हमसे पूछकर अफगानिस्तान में आना चाहिए था ! – तालिबान

‘आज तक’ के पत्रकार से तालिबान प्रवक्ता और कमांडर मौलाना युसुफ अहमदी ने चर्चा करने पर कहा कि, दानिश को हमने नहीं मारा । (तालिबान का झूठ बोलना ! यदि दानिश को तालिबान ने नहीं मारा, तब उन्हें अन्य किसने और क्यों मारा, यह तालिबान ने बताया क्या ? – संपादक) वह शत्रु की सेना के साथ था । किसी पत्रकार को अफगानिस्तान में आना है, तो उसे पहले हमसे संपर्क करना चाहिए ।