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रांची (झारखंड) – समाज फादर स्टेन स्वामी का ‘अमूल्य योगदान’ सदैव याद रखेगा, ऐसे बडे़बोल झारखंड के मुख्यमंत्री तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने किए । स्टेन स्वामी को श्रद्धांजलि देने के लिए १५ जुलाई २०२१ के दिन यहां के नामकुम बाग में एक सभा का आयोजन किया गया था । उसमें सोरेन बोल रहे थे । इस समय रांची के आर्चबिशप (चर्च में उंची श्रेणी पर कार्यरत पादरियों को बिशप कहा जाता है और बिशप के ऊपर कार्यरत होने वालों को ‘आर्चबिशप’ कहते हैं ।) थियोडोर मस्कारेनहास, सहायक बिशप टेलोस्फर बिलुंग के साथ अनेक लोग उपस्थित थे । इस समय उपस्थित अन्य पादरियों ने अपने जूते नहीं निकाले; लेकिन मुख्यमंत्री सोरेन ने स्टेन स्वामी के सम्मान में जूते निकाल कर रखे थे ।
Jharkhand CM Hemant Soren pays tribute to Urban Naxal Stan Lourduswamy, compares him with Birsa Mundahttps://t.co/G8P8N9AbZm
— OpIndia.com (@OpIndia_com) July 16, 2021
इतना ही नहीं, तो सोरेन ने स्टेन स्वामी का ‘शहीद’ कहकर उल्लेख करते हुए उनकी तुलना अंग्रेजों के विरोध में लडे़ झारखंड के महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा से की । (यह क्रांतिकारी मुंडा का अपमान है । देश की जड़ पर उठे शहरी नक्सलवादियों की तुलना क्रांतिकारियों से करने वाला मुख्यमंत्री बौद्धिक दिवालिया है ! – संपादक) सोरेन ने आगे कहा कि, फादर स्टेन स्वामी ने दलित, वंचित और आदिवासियों की लडा़ई लडी । इसके लिए आने वाली पीढियां उनके जीवन से ‘प्रेरणा’ लेंगी । बलिदान देने में झारखंड कभी पीछे नहीं रहा । फादर स्टेन स्वामी उनके अमूल्य योगदान के लिए समाज में याद किए जाएंगे । अनेक युगों के बाद ऐसे व्यक्तियों का जन्म होता है, उनके किए कार्य को कभी मिटाया नहीं जा सकता ।