ब्रह्मांड में स्थित अन्य ग्रहों पर भी जीवसृष्टि का अस्तित्व ! – नासा के प्रमुख बिल नेल्सन

जीवसृष्टि के लोगों के साथ भविष्य में एक न एक दिन निश्चितरूप से संपर्क होने की व्यक्त की आशा !

हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार अनंत कोटि ब्रह्मांड हैं और वहां पृथ्वी की भांति जीवसृष्टि है । उच्च कोटि के संतों को इसकी जानकारी है । उन्होंने कहा है कि वे ऐसे जीवसृष्टिवाले ग्रहों पर सूक्ष्मदेह से जाकर भी आते हैं और वहां की जीवसृष्टि को देखते भी हैं । धर्मग्रंथों में इसके विविध उदाहरण भी उपलब्ध हैं । विज्ञान यद्यपि बाल्यावस्था में होने से वह इस जीवसृष्टि की खोज नहीं कर सका है, यह वास्तविकता है !

वॉशिंग्टन (अमेरिका) – हमारे ब्रह्मांड में हम अकेले मनुष्यप्राणि नहीं है, अपितु इस ब्रह्मांड में हमसे अधिक बुद्धिमान जीवों के होने की संभावना है । उन्हें हम ‘इंटिलिजेंट लाइफ’ (मनुष्य अथवा जो प्राणी बुद्धिमान है, साथ ही जिस में विचार करने की, समझ लेने की और सीखने की क्षमता है) कहते हैं, तो सामान्य भाषा में उन्हें एलियन कहा जाता है । पृथ्वी पर स्थित मनुष्य को एक न एक दिन एलियन निश्चितरूप से मिलेंगे । अमेरिका की अंतरीक्ष शोध संस्था ‘नासा’ के प्रमुख बिल नेल्सन ने ऐसा कहा है । एक दूरचित्रवाणी के साथ की गई भेंटवार्ता में वे ऐसा बोल रहे थे । अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागौन ने कुछ सप्ताह पूर्व एक ब्योरा प्रकाशित किया था । उसमें कहा गया था कि ‘हम एलियन्स के होने की पुष्टि नहीं करते ।’

१. बिल नेल्सन ने आगे कहा कि ब्रह्मांड के किसी कोने में दूसरे विश्व के लोग हैं । पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य ग्रहों पर जीव रह रहे हैं । नासा उनपर निरंतर ध्यान रखा हुआ है । उनके यान और अंतरिक्ष में स्थित उनके सिग्नल्स आदि बातों की ओर न्यासा ने ध्यान बनाया रखा हुआ है ।

२. बिल नेल्सन ने कहा कि जहां आपके सामने अरबों वर्ष प्राचीन ब्रह्मांड है; इसलिए अन्य स्थानों पर भी सूर्य, दूसरी कोई पृथ्वी और हमारे जैसे वायुमंडल के होने की पूरी संभावना है । अब हमें केवल उनके सिग्नल्स मिलने की ही प्रतीक्षा है । एक समय ऐसा आएगा कि तब हम अन्य ग्रहों के जीवों से संपर्क करेंगे ।

३. न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल विश्वविद्यालय की लीलिसा कालटेनेजर एवं अमेरिकन म्युजियम ऑफ नैच्युरल हिस्ट्री की जैकी फैहर्टी ने बताया कि पृथ्वी के चारों दिशाओं में १ सहस्र ७१५ तारे हैं, जिन पर एलियन्स का अस्तित्व है । उनमें से १ सहस्र ४०२ तारे ऐसे स्थान पर हैं, जहां से वे सीधे पृथ्वी पर ध्यान बनाए रखे हुए हैं । जब पृथ्वी इन तारों के निकट से मार्गक्रमण करती है, तब ये तारे पृथ्वी को देख सकते हैं । उनमें से ३१३ तारे ऐसे हैं, जो पृथ्वी से थोडे दूर हैं; परंतु वे पृथ्वी से भेजे जानेवाले रेडियो तरंगों को रोकते हैं अथवा उन्हें पकड लेते हैं ।