देहली के कडकडडूमा न्यायालय की घटना
|
नई देहली – देहली बार काउंसिल ने कडकडडूमा न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता इकबाल मलिक का लाइसेंस अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया है । इसलिए फलस्वरूप, वह तब तक अधिवक्ता का व्यवसाय नहीं कर पाएगा जब तक उसका लाइसेंस अस्थायी रूप से निरस्त रहता है । इकबाल पर आरोप है कि उसने अपने कक्ष (न्यायालय परिसर में कार्यालयीन काम के लिए अधिवक्ताओं को दिया गया एक छोटा कक्ष ) का उपयोग धर्म परिवर्तन एवं विवाह रचाने के लिए किया । (लव जिहाद को प्रोत्साहन देने वाला धर्मांध अधिवक्ता ! यह दर्शाता है कि संपूर्ण देश में लव-जिहाद विरोधी कानून लागू करने की आवश्यकता क्यों है ! – संपादक) । कहा जाता था कि, ‘उन्होंने अपने कक्ष को मस्जिद बना लिया था ।’ यहां विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते थे । काउंसिल ने पुलिस को इस प्रकरण की जांच के लिए इकबाल का कक्ष सील(बंद) करने का भी आदेश दिया था । काउंसिल ने इकबाल को ७ दिनों में काउंसिल की अनुशासन समिति को जवाब देने के लिए कहा है । उसमें यह भी कहा गया है कि, ‘यदि वह इस समयसीमा में उत्तर नहीं देता है, तो उचित कार्यवाही की जाएगी ।’
उक्त वकील धर्मांतरण कराने वाला एक ट्रस्ट भी चलाता है, ऐसा BCD ने पाया है। इसका संचालन भी उसी चैंबर से किया जाता था। निकाह कराने वाले काजी का नाम मोहम्मद अकबर देहलवी है।https://t.co/xZkDUqqWOf
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 6, 2021