स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गर्भवती महिलाओं को कोरोना प्रतिबंधात्मक टीका लगाने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी
नई देहली – कोरोना प्रतिबंधात्मक टीका सुरक्षित है तथा गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा करता है । इसलिए उनका टीकाकरण किया जाना चाहिए । किसी भी औषधि के समान ही, टीके के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो सामान्यतः/ सौम्य होते हैं । इसमें हल्का ज्वर, इंजेक्शन लगाए हुए स्थान पर वेदना, टीकाकरण के पश्चात १ से ३ दिनों तक अस्वस्थता का समावेश है । इसके अतिरिक्त, टीकाकरण के २० दिनों में, अत्यल्प गर्भवती महिलाओं में कुछ ऐसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है । यदि किसी महिला को गर्भधारण के समय कोरोना का संक्रमण हुआ हो, तो उसे प्रसव के पश्चात तत्काल ही टीका लगाया जाना चाहिए, ऐसा स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों में कहा गया है ।
With the guidelines, the Health Ministry has informed that the COVID-19 vaccines are safe and vaccination protects pregnant women against COVID-19 illness/disease#HealthMinistry #COVID19Vaccine https://t.co/BpdMYEOxYq
— India TV (@indiatvnews) June 29, 2021
इसमें आगे कहा गया है कि,
१. यदि गर्भवती महिलाएं कोरोना से संक्रमित हो जाती हैं, तो उनमें से ९०% बिना चिकित्सालय में भर्ती हुए घर पर ही ठीक हो जाती हैं । गंभीर लक्षणों-वाली महिलाओं को चिकित्सालय में भर्ती करना आवश्यक होता है । कोरोना के कारण उच्च रक्तचाप, मोटापा एवं ३५ वर्ष से अधिक आयु के लोगों में गंभीर बीमारी होने की संभावना अधिक होती है ।
२. कोरोना से संक्रमित माताओं में से ९५ प्रतिशत से अधिक प्रकरणों में नवजात शिशु का स्वास्थ्य जन्मतः अच्छी स्थिति में होता है कुछ प्रकरणों में, कोरोना संक्रमण के कारण ‘समय से पूर्व’ प्रसव की आशंका बढ सकती है तथा शिशु का वजन २.५ किलो से कम हो सकता है ।