धर्मबंधन का महत्त्व

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवलेजी

‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता के कारण मानव भटकता जाता है; क्योंकी वह सात्विक नहीं । ऐसा ना हो; इसके लिए धर्मबंधन आवश्यक है !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवलेजी, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक