सिंहभूम (झारखंड) के ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ के आश्रय गृह में विगत ४ वर्षों से अनेक युवतियों का यौन शोषण !

  • गत ४ वर्ष से इस प्रकार की घटनाएं होते हुए भी क्या पुलिस और प्रशासन सो गए थे ? आश्रयगृह से इस प्रकार के दुष्कृत्य होने की अनेक घटनाएं सामने आते हुए भी उनपर ध्यान क्यों नहीं रखा जाता ?

  • ऐसी घटनाओं के संदर्भ में धर्मनिरपेक्षतावादी मौन क्यों रहते हैं ?

सिंहभूम (झारखंड) – यहां के ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ के आश्रय गृह में अनेक युवतियों का यौन शोषण होने की घटनाएं सामने आई हैं । पुलिस ने इस आश्रय गृह के निदेशक हरपालसिंह थापर और उनकी पत्नी पुष्पा राणी तिर्की के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया है । पुष्पा तिर्की ‘ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट चाईल्ड वेलफेयर कमिटी’ की अध्यक्ष हैं । इस प्रकरण में आश्रय गृह वार्डन गीता सिंह, उनके पुत्र आदित्य सिंह और टोनी सिंह नाम के कर्मचारी के विरुद्ध भी अपराध प्रविष्ट किए गए हैं । ये सभी आरोपी लापता हैं । इस आश्रयगृह से छुडाई गई लडकियां १६-१७ वर्ष की हैं । पुलिस अधीक्षक डॉ. तमिल वणन ने बताया कि, विगत ३ वर्षों से यहां युवतियों का यौन शोषण किया जा रहा है ।

१. इन युवतियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने उनके हो रहे यौन शोषण की जानकारी पुष्पा तिर्की को दी थी ; परंतु, उन्होंने उसे रोकने हेतु कुछ नहीं किया ।

२. इस आश्रय गृह में ब्रेन ट्यूमर के कारण एक युवती की मृत्यु हुई थी ; परंतु तिर्की ने इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को नहीं दी । नियम के अनुसार यह जानकारी देना आवश्यक था । यह संस्था झारखंड सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था है । उसका ‘मदर टेरेसा मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ के साथ कोई संबंध नहीं है ।