ऐसी घटना सेना के लिए लज्जाप्रद है ! इसके लिए उत्तरदायी सभी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए !
नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के उपरांत, सेना के २ ब्रिगेडियर्स की सेवानिवृत्ति के ४ वर्ष उपरांत, उन्हें पदोन्नति देकर मेजर जनरल बना दिया गया है । सेना में उनके कार्यकाल में उनकी पदोन्नति २ वर्ष तक निलंबित थी । नलिन भाटिया और वी.एन्. चतुर्वेदी, ये वो २ ब्रिगेडियर हैं । इन दोनों ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण से न्याय मांगा था ; परंतु, वहां उनकी मांग अस्वीकार किए जाने पर उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । सूचना अधिकार के अंतर्गत ‘उन्हें पदोन्नति क्यों नहीं दी गई ?’, इसकी जानकारी मांगी जाने पर भी उसका उत्तर नहीं दिया गया था । (यदि ऐसा ही होनेवाला है, तो इसे सूचना का अधिकार कैसे कहा जा सकता है ? इसे लोकतंत्र नहीं मुघलाई ही कहना पडेगा ! – संपादक) इन सेनाधिकारियों के अधिवक्ताओं ने यह आरोप लगाया कि, तत्कालीन सेना प्रमुख इन दोनों को भूतपूर्व सेनाप्रमुख के निकटवर्ती मानते थे और उसके कारण उन्होंने इन दोनों को पदोन्नति देने का अनदेखा किया ।