संगठन के मंच से धर्म का प्रचार न करें !
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नई देहली – इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल को देहली के न्यायालय ने किसी भी धर्म के प्रचार के लिए संगठन के मंच का प्रयोग नहीं करने का निर्देश दिया है । न्यायालय ने यह भी सुनाया कि, अध्यक्ष पद पर विराजमान व्यक्ति से इस प्रकार से बोलने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है । डॉ जयलाल के विरुद्ध ईसाई धर्म के प्रसार का अभियान चलाने का आरोप लगानेवाली एक याचिका पर हुई सुनवाई के समय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अजय गोयल ने यह आदेश पारित किया है । डॉ जयलाल ने कहा था, ‘भारत में कोरोना पर नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता मिल रही है, यह र्इसामसीह की कृपा है ।’
‘Don’t use IMA to propagate any religion’: Read what the Delhi court said slamming IMA President John Rose Jayalalhttps://t.co/j7q3hqeXM3
— OpIndia.com (@OpIndia_com) June 5, 2021
१. न्यायालय ने आगे कहा कि, भारतीय संविधान में निहित सिद्धांतों के विरुद्ध किसी भी कार्य में, डॉ जयलाल भाग नहीं लें तथा अपने अध्यक्ष पद की गरिमा बनाए रखें । अध्यक्ष पद पर विराजमान व्यक्ति से किसी प्रकार की असुरक्षित टिप्पणी अपेक्षित नहीं होती । आईएमए यह एक प्रतिष्ठित संस्था है । डॉ जयलाल के आश्वासन दिया कि, वे इस प्रकार के काम में सहभाग नहीं लेंगे, अब किसी अन्य आदेश की आवश्यकता नहीं है । डॉ जयलाल किसी धर्म का प्रचार करने के लिए आईएमए के मंच का प्रयोग नहीं करेंगे एवं चिकित्सा क्षेत्र के कल्याण के लिए तथा इस क्षेत्र में उन्नति करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे ।
२. याचिकाकर्ता रोहित झा ने कहा है, ‘हिन्दुओं को ईसाई धर्म में धर्मांतरित करने के लिए डॉ जयलाल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का अनुचित लाभ उठा रहे हैं, अपने पद का दुरुपयोग कर वे देश एवं उसके नागरिकों को भ्रमित कर रहे हैं । कोरोना काल का उपयोग करते हुए डॉ. जयलाल ने अनेक चिकित्सकों, नर्सों एवं रोगियों में ईसाई धर्म का प्रसार किया तथा उन्हें ईसाई बनाने का प्रयास किया ।’ आईएमए के अध्यक्ष के लेखों एवं साक्षात्कारों की आलोचना करते हुए, झा ने मांग की कि, न्यायालय उन्हें हिन्दू धर्म अथवा आयुर्वेद को अपकीर्त करने वाली किसी भी सामग्री को लिखने, प्रसार