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म. गांधी ने मुसलमानों का आजीवन तुष्टीकरण किया । उनके लिए भारत के विभाजन को स्वीकृति देकर स्वतंत्र पाकिस्तान देश का निर्माण किया । ऐसा होते हुए पूर्व में भी उन्हें मुसलमानों से कोर्इ सम्मान नहीं मिला एवं अब भी नहीं मिल रहा है, यह घटना यही दर्शाती है ! इस संबंध में तथाकथित गांधीवादी, धर्मनिरपेक्षतावादी एवं आधुनिकतावादी मुंह नहीं खोलते,यह ध्यान में रखें !
भारतीय न्याय व्यवस्था में ऐसी समानांतर शरीयत न्याय व्यवस्था को मानने वाले धर्मांध ! ९८ प्रतिशत अल्पसंख्यकों की जनसंख्यावाला लक्षद्वीप यदि कल भारत से विभक्त हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा !
कवरत्ती (लक्षद्वीप) – भारत के केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के नए प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने यहां गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया है । उसी प्रकार, पंचायत चुनाव लडने के लिए अधिकतम दो बच्चों के नियम के साथ-साथ पर्यटन व्यवसाय में वृद्धि लाने हेतु मद्य पर लगा प्रतिबंध हटाने का भी आदेश दिया है ।इसका स्थानीय नागरिकों द्वारा तीव्र विरोध किया जा रहा है । लक्षद्वीप की जनसंख्या में ९८ प्रतिशत मुसलमान हैं। इसलिए उन्होंने इसका विरोध किया है । इस विरोध का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है । कांग्रेस ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर उक्त नियम निरस्त करने की मांग की थी;परंतु न्यायालय ने यह याचिका अस्वीकृत कर दी थी । ११ वर्ष पूर्व कांग्रेस ने यहां गांधीजी का पुतला लगाने का प्रयास किया था; परंतु, मुसलमानों के तीव्र/ विरोध के कारण इसे निरस्त कर दिया गया था । मुसलमानों का कहना था कि, पुतला इस्लाम में हराम है; परंतु प्रशासन ने यह कहना टाल दिया था कि मुसलमानों के विरोध के कारण पुतला स्थापित नहीं किया गया । ( इस संबंध में कांग्रेस वाले मौन क्यों धारण कर रहे हैं अथवा उन्हें गांधीजी से अधिक महत्वपूर्ण मुसलमान लगते हैं ? – संपादक ) केरल के प्रसारमाध्यमों के समाचार में उस समय कहा गया था कि यदि यहां गांधीजी का पुतला स्थापित किया जाता है, तो उसकी गरिमा बनाए रखने के लिए उसे सदैव फूलों से विभूषित करना होगा तथा ऐसा करना शरीयत का उल्लंघन होगा । इसलिए मुसलमानों ने इसका विरोध किया है ।