महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की साजिश रचने वाला कश्मीरी कट्टरपंथी गिरफ्तार !

पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी से सुपारी !

भगवा वस्त्र पहनकर मंदिर में जाकर करनी थी हत्या !

हिन्दुओं को लगता है कि केंद्र और राज्य सरकारें हिन्दुओं के साधुओं, संतों, महंतों और नेताओं की सुरक्षा के लिए प्रयास करें !

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद के डासना जिले के एक मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के षडयंत्र के संबंध में मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को एक होटल से गिरफ्तार किया है । उसके पास से भगवा वस्त्र, पूजा सामग्री, लाल रस्सी और कुमकुम बरामद किया गया है । कश्मीर के मूल निवासी, जहांगीर ने जैश-ए-मोहम्मद से यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की सुपारी ली थी । उसे पाकिस्तान के एक संगठन के एक बडे आतंकवादी आबिद से सुपारी मिली थी । जहांगीर के पास से १ पिस्तौल, २ मैगजीन और १५ कारतूस भी बरामद किए गए हैं । पुलिस ने कहा कि, वह एक साधु के वेश में मंदिर में प्रवेश कर उन्हें मारने वाला था । यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने के लिए व्यापक रूप से विरोध किया गया था । इसी कारण से वे उसे मारने का प्रयास कर रहे हैं ।

जहांगीर व्हाट्सएप के माध्यम से आबिद के संपर्क में था । आबिद ने यति नरसिंहानंद को वीडियो दिखाकर मारने के लिए उकसाया था । जहांगीर को, हत्या करने के लिए, पिस्तौल चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था । आबिद ने हत्या करने के बाद, जहांगीर को भुगतान करने का भी वचन दिया था ।

२३ अप्रैल को जहांगीर कश्मीर से दिल्ली आया था । उमर नाम के एक व्यक्ति ने दिल्ली में उनके रहने की व्यवस्था की थी । जब जहांगीर दिल्ली जा रहा था, तब उसके बैंक खाते में ३५ हजार रुपए जमा किए गए थे ।

पुलिस जहांगीर की जांच कर रही है तथा कुछ और जानकारी सामने आने की संभावना है । जहांगीर को २०१६ में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सेना पर पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था । (इससे पता चलता है कि पत्थर फेंकनेवाले आगे क्या कर सकते हैं । इसलिए, यह स्पष्ट है कि उन पर मुकदमा न चलाना और उनके विरुद्ध कार्रवाई न करना, व्यवस्था की बहुत बडी गलती थी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

हिन्दू समर्थक कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश !

अक्टूबर २०१९ में, गुजरात में यूसुफ खान और हाशिम अली द्वारा हिन्दू समर्थक कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी । दोनों भगवा वस्त्र पहनकर तिवारी के कार्यालय में उनसे मिलने गए । इसी तरह यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि, जहांगीर यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने जा रहा था ।