आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण के विरुद्ध आवाज उठाने पर पुलिस हिरासत में सांसद रघुराम कृष्णम राजू के साथ अत्याचार !

आंध्र प्रदेश में ईसाई मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के राज्य में इससे भिन्न क्या होगा ? देश में हिंदू समर्थकों को संगठित होकर कानूनी पद्धति से इसका विरोध करना चाहिए !

सत्ताधारी वाई.एस.आर. कांग्रेस राज्य में हिंदुओं के धर्मांतरण के विरुद्ध आवाज उठाने वाली पार्टी के सांसद को यदि इस प्रकार प्रताडित किया जा रहा है, तो वहां के सामान्य हिंदुत्वनिष्ठओं के भविष्य के विषय में न ही सोचे तो अच्छा होगा !

अमरावती (आंध्र प्रदेश) – सत्तारूढ वाईएसआर कांग्रेस के विद्रोही सांसद रघुराम कृष्णम राजू ने आरोप लगाया है कि, उन्हें बंदी बनाने के पश्चात पुलिस हिरासत में उन्हें प्रताडित किया गया । राजू को कथित राजद्रोह के आरोप में बंदी बनाया गया है । जब उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तो उनके वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हिरासत में उनके विरुद्ध थर्ड डिग्री का प्रयोग किया । इसलिए अब वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं । कुछ माह पूर्व उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी । इसलिए, उनके लिए अभी मेडिकल जांच कराना बहुत आवश्यक है । कथित तौर पर जातियों एवं धर्मों के बीच विद्वेष उत्पन्न करने वाला एक वक्तव्य देने के पश्चात, राजू को राज्य के गुप्तचर विभाग द्वारा बंदी बनाया गया था ।

ईसाई मिशनरियों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले रघुराम कृष्णम राजू !

आंध्र प्रदेश में ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के विरुद्ध कृष्णम राजू निरंतर आवाज उठा रहे हैं । जब आंध्र प्रदेश में तिरुपति तिरुमाला देवस्थान मंडल ने मंदिर के आभुषणों की नीलामी करने का निर्णय किया, तो राजू ने इसका विरोध किया था । उन्होंने बालू के विक्रय को लेकर मंदिर प्रशासन में भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी आवाज उठाई थी । फलस्वरूप, उनकी पार्टी के नेताओं ने ही उनका विरोध किया था ।

राजू ने यह भी दावा किया था कि, आंध्र प्रदेश में आधिकारिक रुप से ईसाई जनसंख्या केवल २.५ प्रतिशत है, किंतु वास्तव में यह २५ प्रतिशत है ।

राजू ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि, ईसाई विरोधी आवाज उठाने के लिए उनकी ही पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी हत्या किए जाने की संभावना है ।