इजराइल के खिलाफ ५७ इस्लामिक देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन (ऒ.आइ.सी.) की १६ मर्इ को बैठक

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष !

५७ इस्लामिक देश फिलिस्तीन की सहायता करने में सक्रिय हैं, तो दूसरी ओर हिन्दू-बहुल भारत में, यदि कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं को सताया जाता है, तो कितने देश हिन्दुओं की सहायता के लिए आगे आते हैं ?

तेल अवीव (इज़राइल) – इस्लामिक सहयोग संगठन (ओ.आइ.सी.) ने, इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि में १६ मई को अपने विदेश मंत्रियों की एक आपात बैठक बुलाई है । ओ.आइ.सी. ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है ।

साऊदी अरब के अनुरोध पर विदेश मंत्री स्तर पर संगठन की कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई गई है । बैठक यरूशलेम में अल-अक्सा मस्जिद और फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के हमले पर केंद्रित होगी ।

तुर्की और पाकिस्तान ने इस्राइल के विरोध में इस्लामी देशों को एकजुट करने के प्रयास किए हैं । तुर्की ने कहा है कि, ‘इस्लामिक देशों को एकजुट होकर गाजा पट्टी में हमास के अभियान का समर्थन करना चाहिए । अब समय आ गया है कि इसरायल के विरोध में स्पष्ट मार्ग अपनाया जाए ।

फिलिस्तीन पर इजरायल के हवाई हमले में अब तक कम से कम ११९ लोग मारे गए हैं, क्योंकि इस्लामिक देश, इजरायल के विरुद्ध एकजुट हैं, जबकि इजरायल में आठ लोग मारे गए हैं ।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा पट्टी में २०० से अधिक इमारतें नष्ट हो चुकी हैं । उत्तरी गाजा पट्टी में सैकडों लोगों ने विद्यालयों में शरण ली है । इजरायल के यहूदी और अरब मिश्रित इलाकों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है । वहां पर दंगे भडक गए हैं ।

इजरायली सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कोनरिकस ने कहा, “हमारे पास १६० लडाकू विमान एवं पैदल सेना हैं । टैंकों ने विशेष लक्ष्यों पर ही प्रहार किया है, किंतु हमने अभी तक गाजा पट्टी में प्रवेश नहीं किया है ।” इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “मुहीम प्रारंभ करने में कोई देर नहीं होगी तथा इस बार हमास को अच्छा सबक सिखाया जाएगा ।”